दी सरकारी मुसलमान पूस्तक के प्रकाशन होने से पहले ही देश को सोलह साल पुरानी गुजरात हिंसा के ज़िम्मेदार तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा करते सेना के डिपटी चीफ़ और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कुलपति रहे लेफ़्टिनेंट जनरल ज़मीरुद्दीन शाह आज कल अपने जीवानी पर आधारित एक पूस्तक ‘दी सरकारी मुसलमान’ पूस्तक आने से पहले ही विवादित बयान देकर सुर्ख़ियो में हैं।

जनरल शाह का ये बयान की तात्कालिक मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगे के समय गाड़ी मुहैया कराने में देरी की और जिसके वजह से गुजरात में मुसलमानो की अधिक जान गयी और हालत क़ाबू नहीं कर पाए। ज़मीरउद्दीन शाह के बयान से देश में राजनीतिक खलबलि मची है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के अल्पसंख़यको साथ को लेकर चलने पर एक प्रश्नचिन्ह लग रहा है।

ऐसे में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व मीडिया सलाहकार डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने लेफ़्टिनेंट जनरल ज़मीर उद्दीन शाह के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए आरोप को झूठी और बेबुनियाद बताया। डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने बताया की 5 मार्च 2016 को शाम 5 बजे मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से समय लेकर ए॰एम॰यू॰ के कुलपति रहे ज़मीर उद्दीन शाह को भेंट करवाने ले गया था।

उस समय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे। ज़मीर उद्दीन शाह ने 5 मिनट तक नरेंद्र मोदी जी की गुजरात हिंसा में सेना के साथ सर्वोत्तम योगदान की प्रशंसा किया। जनरल शाह ने प्रधानमंत्री से कहा कि ‘ आपके वजह से सही समय में गुजरात को हिंसा से बचाया गया और आपका योगदान की मैंने सब जगह प्रशंसा की है’।
जनरल शाह ने सबके सामने कहा की ‘ आपने तत्काल सारी सुविधा सेना को मुहैया करवाई वरना गुजरात की काफ़ी नुक़सान हो जाता।’ डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने कहा चालीस मिनट के मीटिंग में जनरल शाह ने नरेंद्र मोदी के गुजरात हिंसा के बचाओ में तात्कालिक मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्वोत्तम योगदान के गुणगान में 4-5 मिनट समय लगा दिया।
डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने कहा की, जनरल शाह द्वारा पूस्तक के बारे में कुछ दिनो से चल रहे टी॰वी॰ और समाचार पत्रों में उनके बयान पर हैरत हू। तो क्या जनरल शाह मेरे साथ गए प्रधानमंत्री आवास पे प्रधानमंत्री की प्रशंसा कर रहे थे वो झूठ था या पूस्तक बेचने के लिए झूठ बोल रहे हैं ?
डॉक्टर जसीम मोहम्मद में बताया की मेरा ये कर्तव्य है की मैंने जो देखा और सुना वो दुनिया के समक्ष रखूँ और मैं जनरल शाह के सुर्ख़ियाँ बटोरने वाला बयान का खंडन करता हू।
मेरे नज़र में जो उनकी इज़्ज़त थी वो कम हुई है, मैं सोचने पे मजबूर हू क्या नरेंद्र मोदी सरकार में उन्हें कोई पद ना मिलने के वजह से उन्होंने कोंग्रेस के बहकावे में ऐसी बचकानी बातें मीडिया में प्रसारित कर रहे हैं।
डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने कहा की जनरल शाह की किताबें तो बिक जाएगी पर ऐसी झूठी और बचकानी बातें चुनाव से पहले करके भारत के मुसलमानो को क्या संदेश दे रहे हैं।
जनरल शाह सरासर झूठ बोल रहे हैं। डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने कहा की, ऐसी उच्च पदों पे आसीन मुसलमानों को कांग्रेस पार्टी के लिए देश के मुसलमानो को भ्रमित कर रहे हैं।