राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित कदमों के लिए सऊदी अरब ने अमेरिका का पूर्ण समर्थन करने की घोषणा की। अमेरिका और इरान के बीच P5+1 परमाणु सौदे के तहत निलंबित किए गए तेहरान पर आर्थिक प्रतिबंधों की बहाली का समर्थन किया।
अल अरेबिया के मुताबिक, सऊदी ने ईरानी शासन पर आर्थिक प्रतिबंधों को बहाल करने का भी समर्थन किया है, जिसे परमाणु समझौते के तहत निलंबित कर दिया गया है। वहीँ राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग किया।
बराक ओबामा के कार्यकाल में किए गए इस समझौते से अलग होते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे अप्रासंगिक और बेकार करार दिया।
डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि 2015 में जब ईरान के साथ हुए समझौते के बाद आर्थिक प्रतिबंधों में जो रियायतें दी गई थीं, उसे वो दोबारा लगाएंगे। ट्रंप का यह क़दम उनके यूरोपीय सहयोगियों और कुछ सैन्य सलाहकारों के सुझाव के ख़िलाफ़ है।
वहीँ इजराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि परमाणु समझौते से हटने के अमरीका के इस कड़े क़दम का वह पूरा समर्थन करते हैं।
ईरान और अमेरिका के बीच इस परमाणु समझौते को वापिस लेने पर ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ट्रम्प की जमकर निंदा की। रूहानी ने कहा कि, अमरीका के इस क़दम के लिए वह यूरोनियम संवर्धन का काम दोबारा शुरू करने की तैयारी कर रहा है जो कि परमाणु ऊर्जा और हथियार दोनों के लिए ज़रूरी है।
साथ ही रूहानी ने कहा कि, “अमरीका ने बता दिया है कि वह अपने कहे का सम्मान नहीं करता। मैंने ईरान के आणविक ऊर्जा संगठन को आदेश दिया है कि यूरेनियम के औद्योगिक स्तर पर संवर्धन का काम शुरू करने की तैयारी करे।” उन्होंने कहा कि वह अपने सहयोगियों और परमाणु समझौते में शामिल अन्य देशों के साथ बातचीत के लिए ”कुछ हफ़्ते ही” इंतज़ार करेंगे।