अब ज़ंग में इस्तेमाल सऊदी अरब और यूएई के सैन्य गठबंधन के विमानों में इंधन नहीं भरेगा अमेरिका!

सऊदी अरब और यूएई के सैन्य गठबंधन का कहना है कि उन्होंने अमरीका से अनुरोध किया है कि यमन पर बमबारी करने वाले विमानों में ईंधन भरने में उन्हें अब वाशिंगटन की सहायता की ज़रूरत नहीं है।

शनिवार को सऊदी प्रेस एजेंसी एसपीए ने एक बयान जारी करके बताया है कि सऊदी सैन्य गठबंधन ने यह फ़ैसला अमरीकी अधिकारियों से परामर्श के बाद किया है। एसपीए ने दावा किया है कि हाल के दिनों में सऊदी सैन्य गठबंधन ने हवा में ईंधन भरने की अपनी क्षमता में वृद्धि की है।

हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों ने यमन के ख़िलाफ़ युद्ध में भाग ले रहे सऊदी सैन्य गठबंधन की इस क्षमता पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि यह घोषणा यमन युद्ध को लेकर ट्रम्प प्रशासन पर पड़ने वाले दबाव को कम करने के लिए की गई है।

ग़ौरतलब है कि यमन में युद्ध के कारण तुरंत रूप से 1 करोड़ 30 लाख लोगों को भुखमरी का सामना है और इसे संयुक्त राष्ट्र ने इतिहास का सबसे भयानक संकट क़रार दिया है। सऊदी सैन्य गठबंधन के हमलों में सबसे अधिक बच्चे और महिलाएं प्रभावित हो रहे हैं।

सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी हत्याकांड और अमरीकी मीडिया में भुखमरी का शिकार यमनी बच्चों की तस्वीरों के प्रकाशन के बाद, अमरीका में ट्रम्प प्रशासन पर सऊदी अरब की सैन्य सहायता बंद करने के लिए दबाव बढ़ गया है। इसी दबाव के कारण कुछ दिन पहले अमरीका के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने सऊदी अरब से कहा था कि अगले 30 दिन में यमन के ख़िलाफ़ हवाई हमले बंद कर दे।

यमनी अधिकारियों ने अमरीकी अधिकारियों के इन बयानों को भी अमरीकी जनता और विश्व समुदाय को धोखा देने के लिए एक चाल क़रार दिया था और कहा था कि जब जब भी अमरीका युद्ध विराम की बात करता है, सऊदी सैन्य गठबंधन के हमलों में अभूतपूर्व वृद्धि हो जाती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि सऊदी युद्धक विमानों में ईंधन न भरने की सऊदी अरब की मांग भी केवल एक चाल है, क्योंकि अमरीका ने यमन युद्ध में सऊदी सैन्य गठबंधन की सहायता जारी रखने का एलान किया है।

अमरीकी रक्षा मंत्री जिम मेटिस का कहना है कि यमन युद्ध में अमरीका अपनी भूमिका निभाता रहेगा। हालांकि यमन में सऊदी हवाई हमलों में आम नागरिकों के बड़ी संख्या में निशाना बनने पर आलोचना का सामना करने के कारण, अगस्त में मेटिस ने चेतावनी देते हुए कहा था कि यमन युद्ध में सऊदी सैन्य गठबंधन को बिना शर्त के सहायता नहीं दी जाएगी।

साभार- ‘parstoday.com’