एक सऊदी एनआरआई ने ग़रीब अल्पसंख्यक छात्रों को मुफ्त शिक्षा देने वाली संस्था सुपर-30 की आर्थिक तौर पर मदद करने का फ़ैसला किया है।
बता दें कि सुपर-30 एक नि: शुल्क प्रशिक्षण केंद्र है, जो गरीब परिवारों के बच्चों को प्रतिष्ठित आईआईटी इंजीनियरिंग संस्थानों तक पहुंचाने में मदद करता है।
इसके अलावा ये संस्था अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली छात्रों को आईआईटी और अन्य तकनीकी शिक्षा प्रदान करता है।
मदद के लिए आगे आने वाले इस शख्स का नाम ओबैदुर रहमान है और ये एक व्यापारी हैं। ओबैदुर रहमान सऊदी अरब में बिहार फाउंडेशन चलाते हैं और वहीं इस संस्था के अध्यक्ष भी हैं।
इनके एक संगठन का नाम रहमान-30 है। यह संस्था भी स्क्रीनिंग टेस्ट के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के 30 प्रतिभावान छात्रों का चयन करेगा और उन छात्रों को सुपर-30 फाउंडर आनंद कुमार द्वारा मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान कराएगा।
विभिन्न अध्ययनों का हवाला देते हुए ओबैदुर रहमानन ने कहा, ‘हमारा मकसद बेहतर ट्रेनिंग के ज़रिए अल्पसंख्यक छात्रों को रोजगार योग्य शिक्षा देना है।’
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्कों की गुणवत्ता और तकनीक से जुड़ी नौकरियों में बारी कमी है। क्योंकि उन्हें अपनी खराब आर्थिक स्थिति के चलते उच्च स्तर का शिक्षा नहीं मिल पाता।
विशेषज्ञों का कहना है कि ओबैदुर रहमान और सुपर-30 की मदद से अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली छात्रों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
साल 2014-15 मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, केवल 4.4 प्रतिशत छात्र ही उच्च शिक्षा ले पाते हैं, जो कि सबसे नीचे हैं।
वहीं रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम परिवार के 17.6 प्रतिशत बच्चे आर्थिक तंगी के चलते बीच में ही शिक्षा को छोड़ देते हैं।
ओबैदुर रहमान ने कहा कि इस समय अल्पसंख्यकों को एक सार्थक तरीके से समाज की मुख्यधारा धारा में वापस लाने की जरूरत है।
पटना आए रहमान ने कहा कि शिक्षा एकमात्र तरीका है समाज को बनाने और सवारने के लिए। क्योंकि शिक्षा में पीढ़ियों को बदलने की शक्ति है, जैसा कि मैंने सुपर-30 को करते देखा है।
उन्होंने कहा कि जब मैं आरबाज आलम जैसे सफल छात्रों को देखता हूं, जो समाज के वंचित वर्ग से आने के बावजूद आईआईटी में शामिल होते हैं, तो मुझे जरूरतमंद छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र करने का और भी अधिक प्रेरणा मिलती है।