SC का केन्द्र को नोटिस: राष्ट्रगान का व्यवसायिकरण न करे

नई दिल्ली: श्यामनारायण चौकसी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक मिश्र और अमिताब राय की पीठ ने केंद्र सरकार को यह नोटिस जारी किया है कि आर्थिक तथा अन्य लाभों के लिए राष्ट्रगान का व्यावसायिक इस्तेमाल को रोके. इस बाबत दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को शीर्ष अदालत ने यह कदम उठाया.

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

हिन्दुस्तान के ख़बरों के अनुसार, जस्टिस दीपक मिश्र और अमिताब राय की पीठ ने यह नोटिस श्यामनारायण चौकसी की याचिका पर जारी किया. याचिका में राष्ट्रीय सम्मान के अपमान प्रतिबंध और आदर कानून, 1971 का हवाला दिया गया है. इसमें कहा गया कि राष्ट्रगान का कई परिस्थितियों में गायन किया जाता है, जिसकी राष्ट्रीय सम्मान कानून को देखते हुए अनुमति नहीं है. उदाहरण के तौर पर मनोरंजन शो को नाटकीय रंग देने के लिए इसकी एक दो लाइन गाकर या बजाकर समाप्त कर दिया जाता है, जो गलत है.
श्यामनारायण चौकसी ने याचिका में कहा है कि राष्ट्रगान से किसी परकार का वित्तीय लाभ अर्जित करना गलत होगा. इसके गायन में किसी तरह का व्यवधान नहीं आना चाहिए और न ही इसका संक्षिप्त संस्करण गाया जाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रगान को उन लोगों के समक्ष भी नहीं गाया जाए जो इसे समझते नहीं हैं. ऐसे लोगों के लिए पहले ही निर्देश दिया जाना चाहिए कि राष्ट्रगान के समय उन्हें सम्मान प्रदर्शित करना होगा.