SC ने लगाई BJP प्रवक्ता को फटकार, पूछा- क्या PIL डालने के लिए पार्टी पैसा देती है?

नई दिल्ली: बीजेपी के एक प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फटकार लगी है. यह फटकार सुप्रीम कोर्ट में बहुत सारी जनहित याचिकाएं डालने के लिए लगाई गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सवालिया अंदाज में कहा, ‘कोर्ट में इस ऐक्टिविज्म के लिए आपको क्या बीजेपी फाइनैंस कर रही है.’ शीर्ष अदालत की बेंच ने कहा, ‘क्या बीजेपी की ओर से आपको यही काम दिया गया है. अदालत में पार्टी के प्रचार के लिए क्या बीजेपी आपको फाइनैंस कर रही है?’

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प्रदेश 18 के अनुसार, बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने अदालत में 4 जनहित याचिकाएं दायर की थीं, जिनमें से एक की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को भी खारिज कर दिया.

शीर्ष अदालत ने बीजेपी प्रवक्ता से पूछा, ‘आप पेशेवर जनहित याचिका ऐक्टिविस्ट बन गए हैं. हम हर दिन आपको अदालत में पीआईएल करते देखते हैं. आपकी पार्टी केंद्र की सत्ता में है फिर आप अपनी समस्याओं के लिए सरकार से संपर्क क्यों नहीं करते.’
कोर्ट ने कहा कि बीजेपी पावर में है और आप मंत्री के पास जाकर जो भी दिक्कतें हैं, उन्हें दूर कर सकते हैं. ऐसा कोई दिन नहीं गया जब हमने आपको कोर्ट में न देखा हो, आपके पास दूसरा काम नहीं है. आप कपिल सिब्बल पर आरोप लगाते हैं कि वह राजनीतिक हस्ती हैं और अब आज आप खुद बता रहे हैं कि आप BJP के प्रवक्ता हैं.
दरअसल अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर देश में शराब को लेकर नेशनल लीकर पॉलिसी बनाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.
गौरतलब है कि पिछले महीने मुंबई में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला था. मुंबई हाईकोर्ट ने पाया था कि जनहित याचिकाओं में से बड़ी संख्या में याचिकाएं ऐसी थीं जो कि किसी सही उद्देश्य की वजह से फाइल नहीं की गई थीं. मुंबई हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनावाई करते हुए कहा था, ’80 प्रतिशत पीआईएल ऐसी होती हैं जो किसी को ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से डाली गई होती हैं.