मुंबई: सुप्रीम कोर्ट हाजी अली दरगाह पास मौजूद किनारा मस्जिद के तोड़ने पर एक सप्ताह रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपने पहले के आदेश में शुक्रवार को बदलाव किया और मस्जिद को हटाए जाने के आदेश पर रोक लगा दी। अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि वो मस्जिद को नियमित करने की मांग करने वाली अपनी याचिका पर एक हफ्ते के भीतर निर्देश ले।
चीफ जस्टिस जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने हाजी अली न्यास समेत सभी पक्षों की सहमति को दर्ज किया। सहमति के मुताबिक अगर महाराष्ट्र सरकार नियमित करने संबंधी याचिका को अस्वीकार करती है तो मस्जिद के कुछ हिस्सों को ढहाने का कोई भी विरोध नहीं करेगा।
इससे पहले पीठ ने मस्जिद को दूसरे जगह पर स्थानांतरित सुझाव दिया था और सभी पक्षों को इस सहमति बनाने की अपील की थी। बता दें कि आरोप लगाया जाता है कि किनारा मस्जिद का कुछ हिस्सा अतिक्रमित इलाके में आता है जिसे बंबई उच्च न्यायालय ने हटाने का आदेश दिया है। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है।
पीठ इस मामले में अब एक सप्ताह बाद सुनवाई करेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को अंतिम अवसर दिया था और चेतावनी दी थी कि यदि ऐतिहासिक दरगाह के निकट 908 वर्ग मीटर क्षेत्र के भीतर अवैध बसाहट को दो हफ्तों के भीतर नहीं हटाया जाएगा तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसमें यह साफ कर दिया गया था कि तीन जुलाई से शुरू होकर दो हफ्तों के भीतर बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक 908 वर्ग मीटर के क्षेत्र से अतिक्रमण हटा दिए जाने चाहिए।