याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आज़ादी मांगने वाले कश्मीरियों से कोई बातचीत नहीं करेंगे

नई दिल्ली: कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी।

जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार हुर्रियत के अलगावादियों ने बातचीत करने था।

इस पीआईएल की सुनवाई के वक़्त केंद्र सरकार ने कहा कि घाटी में फैली अशांति के बीच वे लोग ‘आजादी’ की मांग करने वाले अलगाववादी नेताओं से बातचीत नहीं करेंगे।

वह सिर्फ उनसे बात करेंगे जो जो लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
केंद्र सरकार की इस मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने बार एसोसिएशन को उन लोगों की एक लिस्ट तैयार करके देने को कहा है जिनसे सरकार बात कर सकती है।
गौरतलब है कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से ही घाटी में अशांति का माहौल है।

सुरक्षा बल प्रदर्शनकारियों और पत्थत्बाजी करने वाले लोगों पर पैलेट गन का इस्तेमाल हैं जिससे अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल हो चुके हैं।

इसलिए बार एसोसिएशन वहां पर पेलेट गन का इस्तेमाल भी बंद करवाना चाहता था।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिस दिन लोग पत्थरबाजी बंद कर देंगे उस दिन सुरक्षा बलों को पेलेट गन का इस्तेमाल ना करने का आदेश दे दिया जायेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 9 मई को होगी।