केंद्रीय मंत्री और दलित नेता राम विलास पासवान ने कहा है कि जस्टिस ए.के. गोयल को नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) का चेयरमैन बनाने से गलत संदेश गया है और कई दलित सांसदों ने इस पर चिंता जताई है।
इंडियान एक्सप्रेस के अनुसार राम विलास पासवान ने कहा कि ‘SC/ST कानून को हल्का करने वाले जज को NGT प्रमुख बनाने से गलत संदेश गया है। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के ‘खिलाफ आदेश देने वाले जज’ को एनजीटी का चेयरमैन बनाने पर ‘कई सांसदों ने चिंता जताई है।
गौरतलब है कि 6 जुलाई को जस्टिस गोयल सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड हुए थे और इसके अगले ही दिन सरकार ने उन्हें NGT का चेयरमैन बना दिया। पासवान के बेटे और लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने भी गोयल की नियुक्ति का विरोध किया। उन्होंने कहा कि एलजेपी नेता होने के नाते वह सरकार से कहेंगे कि जस्टिस गोयल को इस पद से हटाया जाए।
चिराग पासवान ने कहा कि कई संगठनों ने SC/ST एक्ट के मसले पर 9 अगस्त को बड़ा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार या तो एक्ट को मूल स्वरूप में लाने के लिए संसद में बिल पेश करे, या संसद का सत्र 7 अगस्त को ही समाप्त कर दे ताकि इस बारे में 8 अगस्त को अध्यादेश जारी हो सके। इस बात को देखते हुए कि 9 अगस्त को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गई है।
गौरतलब है कि गत 20 मार्च को जस्टिस ए.के. गोयल और जस्टिस यू.यू. ललित ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) एक्ट में कुछ बदलाव करते हुए इसे थोड़ा नरम बना दिया था।
इस एक्ट के दुरुपयोग से लोगों को बचाने के लिए कुछ कठोर सुरक्षा उपाय किए गए, जैसे अग्रिम जमानत का प्रावधान और केस दर्ज होने से पहले कुछ ‘प्रारंभिक जांच’ की व्यवस्था।