SC/ST एक्ट की तरह आतंकवाद के खिलाफ बने क़ानून का भी दुरपयोग हो रहा है: मौलाना अरशद मदनी

नई दिल्ली: एससी एसटी एक्ट के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है उसपर राष्ट्रीय स्तर पर हंगामा हो रहा है। मोदी सरकार इस पूरे मामले में बैक फुट पर है, जबकि विपक्ष की ओर से राजनीतिक हमले जारी हैं।

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इस बीच बेगुनाहों की लड़ाई लड़ने वाले अध्यक्ष जमीअत उलेमा ए हिन्द और दारुल देवबंद के शिक्षक मौलाना सैयद अरशद मदनी ने आवाज़ उठाई है, और मांग किया है कि सुप्रीम कोर्ट उन कानूनों की भी परिभाषा बताए कि जिनकी बुनियाद पर आतंकवाद का आरोप आयद करते हुए बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को गिरफ्तार किया जाता है और कई कई साल तक जेल में रखा जाता है।

यहाँ अपने मुख्य कार्यालय में इंक़लाब ब्यूरो से विशेष बातचीत करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह कहना प्रशंसात्मक है कि झूठे आरोप में किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और अगर ऐसा होता है तो उसको रोकना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एससी एसटी एक्ट के तहत अगर झूठे मुकदमे दायर किये गए हैं और बेगुनाहों को फंसाया गया है तो यह गलत है, लेकिन बेगुनाहों के खिलाफ यह कार्रवाई सिर्फ एससी एसटी एक्ट तक सीमित नहीं है बल्कि यूएई सहित कई ऐसे कानून हैं कि जिनके तहत बेगुनाहों मुस्लिम नौजवानों को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उनकी पूरी जिंदगी तबाह कर दी जाती है, उन पर अत्याचार किए जाते हैं।