भोपाल: भोपाल के सेंट्रल जेल में बच्चों के साथ संवेदनहीनता का एक मामला सामने आया है। जेल के स्टाफ द्वारा बच्चों के चेहरे पर मुहर लगाने के मामले ने अब तूल पकड़ दिया है। मामले पर मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है।
रक्षाबंधन के दिन अपने पिता से मिलने भोपाल के सेंट्रल जेल आए दो बच्चे के चेहरे पर जेल के स्टाफ ने मुहर लगा दी। आमतौर पर कैदियों से मिलने आए लोगों के हाथ पर मुहर लगाई जाती है, लेकिन भोपाल जेल के स्टाफ ने बच्चों के चेहरे पर मुहर लगाकर विवाद को जन्म दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन अपने पिता से मिलने पहुंचे एक कैदी के दो बच्चों के चेहरे पर जेल स्टाफ ने मुहर लगा दी। मीडिया में इसकी तस्वीर आने के बाद एडीजी, जेल गाजीराम मीणा ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं।
वहीं जेल मंत्री कुसुम मेंहदेले ने आरोपी जेल स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है। लेकिन सेंट्रल जेल के अधीक्षक दिनेश नरवरे अपने स्टाफ की गलती मानने को तैयार नहीं है। उनका मानना है कि बच्चों के मुंह पर मुहर लगा कर कोई गलती नहीं की गई है।
जबकि मध्यप्रदेश बाल आयोग ने इसे गंभीर मामला बताते हुए इसे बाल अधिकार कानून का उल्लंघन बताया है। आयोग ने आरोपी जेल कर्मचारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं कांग्रेस ने मामले को राजनीतिक रंग देते हुए प्रदेश सरकार पर हमला बोला है।