नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016 के पारित होने से एनआरसी प्रक्रिया को कोई फायदा नहीं होगा : अतुल बोरा

असम में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016 को पारित करती है तो नागरिक राष्ट्रीय रजिस्टर की चल रही अद्यतन प्रक्रिया का कोई फायदा नहीं होगा।

एजीपी अध्यक्ष और मंत्री अतुल बोरा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि यदि नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016 पारित किया गया तो भी एनआरसी को अद्यतन करने का कोई उपयोग नहीं होगा।

केंद्र सरकार कुछ धर्मों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रयास कर रही है और दावा कर रही है कि वे अपने घरों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। एजीपी इस तरह के किसी भी प्रयास को दृढ़ता से विरोध करती है और हम किसी भी कीमत पर ऐसे प्रयासों को रोक देंगे।

बोरा ने कहा कि परिषद नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016 पर संसद में शिवसेना जैसी अन्य पार्टियों के साथ बातचीत कर रही है। हम इसे कानून में लाने के किसी भी प्रयास को विफल कर देंगे।

बोरा, जो राज्य के कृषि मंत्री हैं, ने कहा कि जल संसाधन मंत्री केशव महंत के नेतृत्व में एक एजीपी टीम ने एनआरसी राज्य समन्वयक प्रतेक हाजेला से मुलाकात की और एक त्रुटि मुक्त एनआरसी की मांग के लिए एक ज्ञापन प्रस्तुत किया।

हम एक त्रुटि रहित एनआरसी चाहते हैं जिसमें किसी विदेशी का नाम शामिल नहीं हो और किसी वास्तविक नागरिक का नाम छूटा नहीं हो। सुप्रीम कोर्ट इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है और हम इस तरह के एक वास्तविक दस्तावेज की उम्मीद कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के एनआरसी के पूर्ण मसौदे के मजबूत विरोध पर टिप्पणी करते हुए बोरा ने कहा कि ममता बनर्जी जैसे राजनेताओं को वोट बैंक के लिए लोगों के बीच विभाजन की कोशिश करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि असम सरकार को तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे लोगों के साथ कठोर व्यवहार करना चाहिए।