फिल्म ‘पद्मावती’ पर अंतिम फैसला सेंसर बोर्ड को करने देना चाहिए- आडवाणी

नई दिल्ली। ‘पद्मावती’ फिल्म को लेकर जारी विवाद के बीच निर्देशक संजय लीला भंसाली और सैंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी संसदीय पैनल के सामने पेश हुए। सूत्रों के मुताबिक संसदीय पैनल के 3 सदस्यों ने फिल्म को बैन करने की बात कही है।

वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पहली बार पद्मावती विवाद पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि फिल्म को लेकर अंतिम फैसला सेंसर बोर्ड को करने देना चाहिए।

आडवाणी ने कहा कि हम (संसदीय कमेटी के सदस्य) क्यों, केवल सेंसर बोर्ड को फैसला करने दो कि भारत में फिल्म की स्क्रीनिंग हो सकती है या नहीं। उन्होंने कहा कि सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) को अपना काम करने दिया जाए।

बता दें कि ‘पद्मावती’ विवाद को सुलझाने के लिए लोकसभा की संसदीय समिति के सामने आए निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली को कड़ी फटकार लगी है। संसदीय कमेटी से करीब 3 घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक में भंसाली से कई सवाल किए गए।

उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए 2 हफ्ते का वक्त दिया गया है। बैठक में उनसे कहा गया कि लोग किसी फिल्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन फिल्म की वजह से समाज में कोई दिक्कत नहीं हो, इसकी जिम्मेदारी सांसदों की है।

सूत्रों के मुताबिक भंसाली ने कहा कि उनकी फिल्म इतिहास पर आधारित नहीं है बल्कि मलिक मोहम्मद जायसी की कविता पर आधारित है।

वहीं संसदीय कमेटी के समक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि अभी फिल्म पर फैसला लेने की प्रक्रिया चल रही है, जिन 3 सदस्यों ने फिल्म को बैन करने की बात कही उनमें 2 भाजपा के (ओम बिड़ला और सी.पी. जोशी) हैं और एक शिवसेना के राजन विचारे हैं।

जोशी ने कहा कि पहले क्षेत्रीय कमेटी फिल्म को देखती है और जरूरत पडऩे पर केंद्रीय समिति फिल्म को देखेगी। फिल्म का विरोध करने वाले सदस्यों ने प्रोमो को भी वापस लेने की मांग की।

जोशी ने कमेटी से कहा कि केवल प्रोमो को अनुमति मिली है, फिल्म को सैंसर बोर्ड ने पास नहीं किया है। उन्होंने अभी फिल्म नहीं देखी है।