नई दिल्ली। आज होने वाली केबिनेट की मीटिंग में Sexual abuse के मुल्ज़िम सुप्रीम कोर्ट के साबिक जज एके गांगुली को मगरिबी बंगाल इंसानी हुकूक कमीशन के सदर के ओहदे से हटाने पर फैसला हो सकता है। जस्टिस गांगुली फिलहाल में मगरिबी बंगाल इंसानी हुकूक कमीशन के चेयरमैन के ओहदे पर मुकर्रर हैं।
मगरिबी बंगाल की वज़ीर ए आला ममता बनर्जी ने जस्टिस गांगुली के इस्तीफे की मांग की थी। ममता बनर्जी की मांग के बाद हुकूमत ने यह फैसला किया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के साबिक जज जस्टिस अशोक कुमार गांगुली पर एक लॉ इंटर्न ने Sexual abuse का इल्ज़ाम लगाया है।
लॉ इंटर्न ने अपने ब्लॉग पर लिखा था कि दिल्ली में एक होटल में अशोक गांगुली ने उसके साथ बदसुलूकी की। मुतास्सिरा उस वक्त गांगुली के ज़ेर ए निगरानी इंटर्नशिप कर रही थी। केबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस नोट को रस्मी तौर पर मश्वरा के लिए सदर जम्हूरिया के पास भेजा जाएगा। उसके बाद सदर जम्हूरिया हिंदुस्तान के चीफ जस्टिस पी सतशिवम के पास इसको भेजेंगे।
चीफ जस्टिस इस केस की जांच करेंगे और इंसानी हुकूक के तहफ्फुज़ दफा की मुकर्रर अमल के तहत अपनी सलाह सदर जम्हूरिया को देंगे। जस्टिस गांगुली पर Sexual abuse के इलावा भी कई इल्ज़ाम हैं। गांगुली पर बिना हुकूमत की मंजूरी के पाकिस्तान का दौरा करना और बिना इज़ाज़त के बिचौलिया का काम लेने के इल्ज़ाम शामिल हैं।
मगरिबी बंगाल की वज़ीर ए आला ममता बनर्जी ने सदर जम्हूरिया को खत लिखकर कहा है कि जून 2013 में दिल्ली के एक एनजीओ के खर्च पर जस्टिस गांगुली ने हुकूमत की मंजूरी के बिना पाकिस्तान का दौरा किया था, जो कि मगरिबी बंगाल इंसानी हुकूक के नियमों की खिलाफवर्जी है।