शरद यादव बोले- असली जेडीयू मेरी, नीतीश की सरकारी जेडीयू

जेडीयू में नीतीश कुमार और शरद यादव का झगड़ा खुलकर सामने आ गया है । नीतीश कुमार ने शरद यादव को राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया । इसके बाद शनिवार को शरद यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि जेडीयू केवल नीतीश कुमार की ही पार्टी नहीं है।

तीन दिवसीय संवाद यात्रा के आख़िरी दिन शनिवार को शरद यादव ने मेधपुरा में कहाकि, ‘ जेडीयू सिर्फ नीतीश कुमार की पार्टी नहीं है, यह मेरी भी पार्टी है।’ शरद अपनी यात्रा के दौरान लोगों से मिले और उनसे बातचीत की।

शरद ने कहा, ‘बिहार में दो जेडीयू है, एक सरकारी और दूसरा जनता की । पार्टी के ऐसे विधायक, नेता जो अपने निजी हित के लिए सरकार के करीब हैं, वो नीतीश के साथ हैं, लेकिन जो नेता जनता और कार्यकर्ताओं के करीब हैं वो मेरे साथ हैं।’

नीतीश के फ़ैसले और शरद यादव के इस बयान के बाद जनता दल युनाइटेड का टूटना तय माना जा रहा है । हालांकि शरद यादव राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटाने पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘जब मैं इंदिरा गांधी से नहीं डरा तो किसी और से क्या डरना। मैं सच बोलने से नहीं डरता हूं। मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहता हूं।’

शरद ने कहा, ‘मेरे साथ दे रहे पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है। नीतीश के साथ खड़े नेता मुझे समर्थन करने वाले अन्य नेताओं को धमका रहे हैं।’ शरद ने दोहराया कि वह अभी भी महागठबंधन के साथ हैं। बिहार की 11 करोड़ जनता ने 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को पांच साल के लिए वोट दिया था।

शरद ने कहा, ‘बीजेपी के साथ हाथ मिलाने और बिहार में सरकार के गठन का फैसला बिहार के बहुमत के खिलाफ था। राज्य की जनता ने 2015 में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस को 5 साल के लिए बहुमत दिया था। जनता का फैसला बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के खिलाफ था।’
इससे पहले नीतीश कुमार ने शरद यादव पर सीधा हमला करते हुए कहाकि था कि वो बीजेपी के साथ गठबंधन स्वीकारें या फिर अपना रास्ता खुद चुनें ।