पटना: जदयू के राज्यसभा सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव गुरुवार से बिहार का दौरा शुरू कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि पार्टी विरोधी बयान देने के लिए शरद यादव को जल्द ही साइडलाईन किया जा सकता है।
खबर के मुताबिक वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने पूरे राज्य में घूम कर नीतीश के फैसले (महागठ बंधन से अलग होने) को लेकर लोगों के सामने अपनी राय रखने का फैसला किया है। इससे पहले बिहार में गठबंधन के अंत को शरद यादव ने जनादेश के साथ धोखा करार दिया था। पार्टी लाइन से अलग बयान देने के बाद शरद यादव निशाने पर आ गए हैं और उनके खिलाफ पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पटना में होने वाली बैठक में कोई फैसला लिया जा सकता है।
26 जुलाई को गठबंधन खत्म होने के बाद से शरद यादव ने पहले पार्टी के फैसले पर चुप्पी साध ली थी और फिर उन्होंने उसे जनादेश के खिलाफ फैसला करार दिया था। इससे पहले भी वह कह चुके थे कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे से अधिक जरूरी महागठ बंधन को बचाना है, हालांकि शरद यादव ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि वह नई पार्टी बना सकते हैं।
इन खबरों के बीच नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों के सवाल के जवाब में इशारों ही इशारों में कहा कि अच्छा है एक ही झटके में कुछ परेशानियां खत्म हो जाएंगी। इशारों में नीतीश का यह बयान काफी सार्थक है। हालांकि नीतीश और उनकी पार्टी ने कभी भी शरद के खिलाफ खुलकर कोई बात नहीं की। नीतीश के बयान को समझने के बाद भी शरद यादव ने बिहार का दौरा करने का फैसला किया है और लोगों के सामने अपने अंक बनाए रखने का फैसला किया।
दूसरी ओर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा है कि वह शरद यादव के साथ संपर्क में हैं, इससे भी आगे जाकर बुधवार को लालू ने कहा कि शरद यादव जनता दल के संस्थापक सदस्य हैं और शरद यादव और कांग्रेस से उनका गठबंधन जारी रहेगा। इस अवसर पर लालू ने नीतीश कुमार पर शरद यादव के दौरे के दौरान साजिश रचने का आरोप भी लगाया।