असम में 68 साल के शौकत अली को भीड़ ने अपना शिकार बना लिया। भीड़ ने शौकत अली पर गोमांस बेचने का शक किया। उन्होंने उसकी पिटाई की और उसे पोर्क खाने के लिए मजबूर किया। यह घटना 7 अप्रैल को असम के बिस्वनाथ चाराली में हुई। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें शौकत अली को भीड़ से घिरे हुए घुटने के बल बैठे हुए देखा जा सकता है। भीड़ उससे पूछती है कि वह गोमांस क्यों बेच रहा है और क्या उसके पास ऐसा करने का लाइसेंस है।

गुस्साई भीड़ शौकत अली से पूछा कि क्या वह बांग्लादेशी है या उसके पास राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) प्रमाण पत्र है। स्थानीय पुलिस के अनुसार, अली एक व्यापारी है और पिछले 35 सालों से क्षेत्र में भोजनालय चला रहा है। भीड़ ने उस पर साप्ताहिक बाजार में गोमांस बेचने का आरोप लगाया। पुलिस ने कहा, ‘वे मामले की जांच कर रहे हैं।’पुलिस अधीक्षक (बिश्वनाथ) राकेश रौशन ने कहा कि पुलिस ने शौकत अली की शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की कि उसके साथ मारपीट की गई, उसे बांग्लादेशी कहा गया और पोर्क खाने के लिए मजबूर किया गया।
Attention @sarbanandsonwal This old man was beaten up in Bishwanath Charialifor selling beef. Beef is not banned in Assam and the northeast. Many communities apart from Muslims consume beef. But interestingly self appointed gaurakshaks find only poor Muslim traders to harass. pic.twitter.com/I7lg1YMKu0
— BeingMuzakkir (@Muzakki82091009) April 8, 2019
शौकत अली को चोटें आईं और उनका स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। भीड़ ने साप्ताहिक बाजार के प्रबंधक के साथ भी दुर्व्यवहार किया।
घटना पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूं जो महसूस करते हैं कि पिछले पांच वर्षों में लिंचिंग की संख्या के कारण वे निराश हैं। मैं नहीं हूं, प्रत्येक वीडियो मुझे प्रभावित करता है और मुझे दुखी करता है। यह अप्रासंगिक है कि असम में गोमांस वैध है, भारत के हर हिस्से में एक निर्दोष बूढ़े व्यक्ति को पीटना अवैध है।