योगी कैबिनेट के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा पर वक्फ बोर्ड की जमीनें बेचने का गंभीर आरोप लगा है।
उन्होंने 2010 में पावर ऑफ अटॉर्नी अपनी मां जाहिदा बेगम के नाम करके जमीनें बेचीं।
मोहसिन रजा सफीपुर के रहने वाले हैं और ये जमीनें उन्नाव के सफीपुर बाजार की हैं। इस जमीन में कब्रिस्तान की जमीन भी शामिल है।
इस मामले में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने का मन बनाया है।
रजा पर आरोप है कि उन्होंने तीन बार वक्फ की जमीनें ग़ैरक़ानूनी ढंग से बेचने की कोशिश की है।
लखनऊ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के मुताबिक, मसरूर हुसैन नकवी की रजा के खिलाफ की गई शिकायत के बाद ये मामला सामने आया। मसरूर भी सफीपुर के रहने वाले हैं। बोर्ड से इस मामले में जांच करवाई तो जिससे सच्चाई का पता चला।
चेयरमैन रिज़वी ने बताया कि बेची गई वक्फ संपत्ति के एक खसरे में मोहसिन रजा के नाना-नानी और मां-बाप की चार कब्रें है।
कानून ये है कि गर किसी खसरे पर तीन से ज्यादा कब्रें हो तो उसे कब्रिस्तान माना जाता है। जिसके चलते अब यह कब्रिस्तान को बेचे जाने का मामला बनता है।