शिक्षामित्र अपने भरण-पोषण और आत्मसम्मान के लिए इकट्ठा हुए हैं, पिकनिक के लिए नहीं: अखिलेश यादव

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से नाराज़ शिक्षामित्र सोमवार से लखनऊ में योगी सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे है। शिक्षामित्रों का दावा है कि पूरे प्रदेश से करीब 1 लाख 70 हजार की संख्या में शिक्षामित्र लखनऊ पहुंच रहे हैं। हालांकि पुलिस श‍िक्षामित्रों को शहर के बाहर ही रोकने की कोश‍िश कर रही है।

शिक्षामित्रों को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेष यादव का साथ भी मिला है। अखिलेश यादव ने कहा है कि लखनऊ में लाखों शिक्षामित्र अपने परिवार के भरण-पोषण और अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, पिकनिक मनाने के लिए नहीं।

शिक्षामित्रों का ये सत्याग्रह आंदोलन लक्ष्मण मेला पार्क में हो रहा है जिसको देखते हुए प्रशासन ने लखनऊ में धारा 144 लगी दी है। शिक्षामित्रों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने शिक्षामित्रों के राजधानी आने पर रोक लगा रही है।

शहर के बाहर से ही लोगों को वापस भेजा रहा है। पुलिस ने बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर से आ रही बसों को लखनऊ-दिल्ली मार्ग पर रोक दिया गया है। उन्नाव में भी 5 बसों को वापस कर दिया गया है। जिसमें सैकड़ों की मात्रा में लोग राजधानी कूच कर रहे थे।

प्रशासन ने जब बीच रास्ते से बसों को वापस किया तो शिक्षामित्र नाराज हो गए। गुस्से में आकर एक घंटे तक इटौंजा टोल टैक्स पर जाम लगा दिया। जिससे यातायात बाधित हो गया। इससे दैनिक यात्रा करने वाले यात्री को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

विधानसभा, सीएम आवास, हजरतगंज में पुलिस की कड़ी व्यवस्था की गई है। शिक्षामित्रों के लखनऊ में एंट्री पर रोक लगाते हुए जगह-जगह पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। शिक्षामित्रों के प्रदर्शन को देखते हुए बड़े पैमाने पर फोर्स तैनात कर दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट से समायोजन निरस्त होने के बाद प्रदेश सरकार से मांग पूरी न करने को लेकर शिक्षामित्र आंदोलन कर रहे हैं । बहुत से शिक्षामित्रों की आधी उम्र इस नौकरी में निकल गई है अब उनके सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है।