मुंबई। शिवसेना ने कहा कि कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा की सरकार बचाने की भाजपा ने जो कोशिश की वह देश को कांग्रेसमुक्त बनाने का रास्ता नहीं है। देश में लोकतंत्र को बचाने की जरूरत पर जोर देते हुए शिवसेना ने कहा कि कोई सरकार अपने फैसले लोगों पर थोपने के लिए संविधान का इस्तेमाल नहीं कर सकती।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में यह आरोप भी लगाया कि राज्यपाल कभी-कभी सरकार के एजेंट की तरह काम करते हैं। संपादकीय में कहा गया है कि कर्नाटक में भाजपा के सत्ता में आने से नाकाम रहने पर हम बहुत दुखी हैं लेकिन उसने इसे (सरकार को) बचाने के लिए जो कोशिश की, वह भारत को कांग्रेसमुक्त बनाने का रास्ता नहीं है।
पार्टी ने कहा है कि यह लोकतंत्र, व्यक्ति की स्वतंत्रता और देश में प्रेस की आजादी को और कमजोर करेगा। संसदीय लोकतंत्र में हमें स्वतंत्र संसद और स्वतंत्र मीडिया की जरूरत है।
शिवसेना ने राजग के घटक दल आरपीआई (ए) प्रमुख रामदास अठावले को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि यदि भाजपा ने संवैधानिक नियमों का उल्लंघन किया, तो वह राजग छोड़ देंगे। पार्टी ने हैरानगी जताते हुए पूछा, ‘कर्नाटक विधानसभा में जो कुछ हुआ क्या वह संविधान के खिलाफ नहीं है?