शिवराज के मंत्री ने अपने ही मंत्रालय में बेटी-बहू को दिलवाया 180 करोड़ का ठेका

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह सरकार के मंत्री पारस जैन पर कांग्रेस ने घोटाले का आरोप लगाया है । पारस जैन ने बेटी और बहू की कंपनी को अपने मंत्रालय का 180 करोड़ रुपए का ठेका दिलवाया है ।हालांकि मंत्री और उनका परिवार कह रहा है कि टेंडर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है ।

बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पारस जैन की बेटी स्वाती और बहू पूजा इनफिनिटी एनर्जी सोल्युशन नाम की कंपनी चलाती हैं । इसी कंपनी को ऊर्जा विकास निगम ने सोलर प्लांट लगाने के लिए 180 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रेक्ट दिया है ।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ऊर्जा विकास निगम ने छत पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाने के लिए जून 2016 में टेंडर निकाले थे । इसके बाद जुलाई 2016 में इनफिनिटी एनर्जी सोल्युशन को सेल्स टैक्स टिन मिला था । कांग्रेस के इन आरोपों को बल इसलिए मिल रहा है कि क्योंकि टेंडर आवेदन जमा कराने की तारीख को दो बार आगे बढ़ाया गया । कहा जा रहा है कि पारस जैन ने दवाब डालकर टेंडर आवेदन जमा करवाने की तारीख इसलिए आगे बढ़वाई ताकि ताकि इनफिनिटी एनर्जी सोल्युशन भी इस टेंडर प्रक्रिया में शामिल हो सके।

दिसंबर 2016 में इस कंपनी को 180 करोड़ रुपए की लागत वाला 30 मैगावाट का सोलर प्लांट लगाने का ठेका इनफिनिटी एनर्जी सोल्युशन को दिया गया । पारस जैन जुलाई 2016 से मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हैं और ऊर्जा विकास निगम भी उन्हीं के अंडर में आता है। हालांकि पारस जैन मानते हैं कि पावर विभाग के लिए उनकी बेटी और बहू के काम करने में कोई बुराई नहीं है।

रिपोर्ट में पारस जैन के हवाले से लिखा गया है, ‘पहले तो मैं यह बता दूं कि टेंडर प्रक्रिया में मेरी कोई भूमिका नहीं थी। मेरे ऊर्जा मंत्री बनने से पहले कंपनी बनाई गई थी। उसके बाद टेंडर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई थी। मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या मंत्रियों को बच्चों को पारदर्शिता और कानून के हिसाब से काम करने का अधिकार नहीं है।’

हालांकि, कांग्रेस इसे शिवराज सरकार का एक और घोटाला बता रही है। कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा, ‘मंत्री किस पारदर्शिता की बात कर रहे हैं। उन्हीं के विभाग का करोड़ों रुपए का टेंडर उनके परिवार वालों को दिया जा रहा है । भ्रष्टाचार को बर्दाश्त ना करने की बात करने वाले शिवराज सिंह चौहान के मंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।’