असम में नेशनल रजस्टिर ऑफ सिटिजन्स पर उठे बवाल के बीच तेलंगाना के एक भाजपा विधायक ने अजीब बयान दिया है. एमएलए राजा सिंह ने कहा है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थियों को देश से बाहर भेजा जाना चाहिए. यदि वे अपने मन से भारत छोड़ कर नहीं जाते हैं तो उन्हें गोली मार दी जानी चाहिए. इसके बाद ही भारत सुरक्षित रह सकता है.
इधर पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता दिलीप घोष ने राज्य में एनआरसी की मांग की है. घोष ने कहा है कि बंगाल में घुसपैठ की समस्या बेहद गंभीर है. राज्य में एक करोड़ से ज्यादा अप्रवासी मौजूद हैं, जिससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है. वे राज्य की राजनीति को भी प्रभावित करते हैं. यदि भाजपा राज्य में सत्ता में आई तो एनआरसी लागू कर अवांछित लोगों को राज्य से निकाला जाएगा.
बता दें कि असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिजिटिजन्स (नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर/NRC) का सोमवार को अंतिम ड्राफ्ट जारी किया गया है. यहां 40 लाख से ज्यादा लोगों को इसमें शामिल नहीं किया गया है. ड्राफ्ट के सामने आने के बाद ऐसे लोग जिनका नाम इसमें शामिल नहीं है, उनमें अनिश्चितता और डर का माहौल है. बता दें कि NRC में नाम शामिल करने के लिए 3.29 करोड़ लोगों ने एप्लिकेशन दिया था, जिसमें सिर्फ 2.89 करोड़ लोगों का ही नाम ड्राफ्ट में शामिल है.
एनआरसी की रिपोर्ट आने के बाद गुवाहाटी से नई दिल्ली तक इसपर बहस छिड़ गई. सवाल ये उठने लगा कि उन 40 लाख से ज्यादा लोगों का क्या होगा? मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने तुरंत ही स्पष्ट किया कि ऐसे लोग जिनका नाम ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं, वे 30 अगस्त से 28 सितंबर तक अपना दावा कर सकते हैं. अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि नागरिकों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं होने दिया जाएगा.