सिर्फ पेट्रोल पंप ही नहीं बड़ी दुकान भी घटतौली में आगे

वाराणसी: घटतौली का खेल पेट्रोल पंपों तक ही नहीं बल्कि छोटी-बड़ी दूकानों तक फैला है। रोजाना उपभोक्ताओं को चपत लग रही है और बाट-माप विभाग चुप्पी साधे हुए है। जानकारों की मानें तो इलेक्ट्रानिक तराजू में भी सेटिंग कर घटतौली की जा रही है। तेल के खेल पर शासन की सख्ती के बाद बाट-माप विभाग जागा जरूर है लेकिन दायरा पेट्रोल पंपों तक ही सिमटा है। छोटी-बड़ी दूकानों पर हो रही घटतौली पर अंकुश के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है। परचून की दूकान हो या सब्जीमंडी, गल्ला मंडी या फिर दूधमंडी। हर जगह घटतौली की शिकायतें हैं। कई विक्रेता तो अब भी तौल के लिए ईंट, पत्थर के टुकड़े या फिर ऐसे बाट का प्रयोग करते हैं जो किसी खुदाई से निकले प्रतीत होते हैं। इनके जरिए 50 से 100 ग्राम तक घटतौली आसानी से कर ली जाती है। दूधमंडी में जो नपना इस्तेमाल किया जाता है, उसका आकार इस कदर बिगड़ा रहता है कि कभी सही नाप नहीं हो सकती। अगर उपभोक्ता सवाल उठाए तो उसे आगे बढ़ने के लिए कह दिया जाता है। घटतौली को लेकर आए दिन किचकिच भी होती है। जबकि नियमानुसार बाट-माप विभाग की ओर से चेकिंग का प्रावधान है लेकिन विभाग की सुस्ती के चलते दूकानदार हों या फुटकर विक्रेता किसी को कोई परवाह नहीं है। बाट-माप के सहायक समन्वयक मुकेश कुमार का कहना है कि फिलहाल पेट्रोल पंपों पर कार्रवाई चल रही है। जल्द ही दूकानों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। यदि कहीं घटतौली हो रही है तो उपभोक्ता शिकायत करें, तत्काल कार्रवाई की जाएगी।