केंद्र सरकार नहीं होने देगी जेएनयू, रोहित वेमुला और कश्मीर मुद्दे पर बनी शार्ट फिल्मों की स्क्रीनिंग

केरल में होने वाले इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में तीन शार्ट फ़िल्में दिखाने की सेंसर बोर्ड ने इजाजत नहीं दी है।

ये फ़िल्में रोहित वेमुला की आत्महत्या(द अनबियरेबल बींग ऑफ लाइटनेस), कश्मीर में तनाव(इन द शेड्स को फॉलन चिनार) और जेएनयू विवाद(मार्च मार्च मार्च) को लेकर बनाई गई हैं।

गौरतलब है कि ये फ़िल्में देश में हाल ही की सबसे बड़ी कॉन्ट्रोवर्सीज पर आधारित हैं। लेकिन अब इन तीन फिल्मों की स्क्रीनिंग नहीं हो सकेगी।

इस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन 16 जून को होगा। जिसे केरल स्टेट फिल्म एकेडमी द्वारा कराया जा रहा है। जो राज्य सरकार के कल्चरल डिपार्टमेंट के अंदर आता है।

 

 

एकेडमी के चेयरमैन कमल के मुताबिक, इस फेस्टिवल में २०० फिल्मों की स्क्रीनिंग के लिए उन्होंने मंत्रालय से सेंसर छूट का सर्टिफिकेट जारी करने के लिए भेजा था।

जिसमें इन तीन फिल्मों को छोड़कर, बाकी फिल्मों को सेंसर से छूट मिल गई है।
हालाँकि मंत्रालय ने इन्हें छूट नहीं देने के लिए कोई वजह भी नहीं बताई है। लेकिन मुझे लगता है कि इन तीन फिल्मों को दिखाने की इजाजत इसलिए नहीं मिली है क्योंकि यह देश में असहिष्षुणता के मुद्दे से जुड़ी हुई हैं।

लेकिन हमारी कोशिश है कि हम इन्हे दिखा सकें। इसलिए हमने मामले को लेकर दोबारा अपील की है और आगे जवाब मिलना बाकी है।

लेकिन सरकार का ऐसा करना सही नहीं है। इससे ऐसा हम एक अघोषित इमरजेंसी की स्थिति से जूझ रहे हैं।