सिद्धारामय्या के लिए परेशानी : जेडी (एस) बन रही है किंगमेकर, मतदाता निराश

कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा का संकेत देने वाले ओपिनियन पोल और जेडी (एस), कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर मुख्यमंत्री सिद्धारामय्या के लिए परेशानियों का सबब दिख रही है। मैसूर के बाहरी इलाके में स्थित वरुणा विधानसभा सीट कर्नाटक में जानी पहचानी सीट है जिस पर मुख्यमंत्री ने अपने बेटे यतीन्द्र को मैदान में उतारा है और सिद्धारमैया अपनी पुरानी चामुंडेश्वरी सीट से चुनाव मैदान में हैं।

उधर, बीजेपी ने बादामी में सिद्धारमैया बेल्लारी के मजबूत नेता बी श्रीरामुलु को मैदान में रखा है। कर्नाटक के लिए भी एक के बाद एक कई ओपीनियन पोल और सर्वे सामने आ चुके हैं। इनमें एकरूपता नहीं है। कोई कांग्रेस को जिता रहा है, कोई बीजेपी को, तो कोई त्रिशंकू विधानसभा के कयास लगा रहा है। कुछेक सर्वे तो देवेगौड़ा की जेडीएस को एक मजबूत विकल्प के तौर पर पेश कर रहे हैं, और उसे त्रिशंकु विधानसभा की स्थित में किंगमेकर के तौर पर देख रहे हैं।

राज्य में बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा को बनाया गया है। येदियुरप्पा शिकारीपुरी सीट से चुनाव लड़ेंगे लेकिन बीजेपी नेतृत्व से उनके बेटे विजयेंद्र को वरुणा से टिकट से इंकार कर दिया है, जिससे पार्टी के भीतर विद्रोह की स्थिति बन गई है। बीजेपी ने बेल्लारी के भ्रष्टाचार के आरोपी रेडडी बंधुओं को टिकट दिया है।

जाहिर है, स्वच्छ राजनीति का वादा सबने किया है लेकिन सब कुछ साफ़ नहीं है क्योंकि सभी पक्षों के पास कुछ ना कुछ ऐसा ही हैं। मतदान के लिए दो सप्ताह से ज्यादा समय है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहाँ प्रचार करने की इच्छा व्यक्त की हैं। कांग्रेस भी प्रचार में जुटी है। यहां मतदाताओं को उत्साहित करने की संभावना नहीं है ऐसे में राजनेता स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।