नई दिल्ली: जमाते इस्लामी हिन्द की निमंत्रण पर उसके मरकज़ में विभिन्न धर्मों के नेताओं की एक बैठक हुई, जिसमें उन्होंने समलैंगिकता के मुद्दे पर अपनी चिंता और उसको अपराध क़रार देने वाली धारा 377 को समाप्त कराने के लिए अदालत में दायर पेटीशन पर अपनी बेचैनी का इज़हार किया।
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उन धार्मिक नेताओं ने इस बात की निंदा की कि सरकार इस पेटीशन पर चुप है और निष्पक्षता का रवैया इख़्तियार किये है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार की चुप्पी धार्मिक परंपराओं और देश की नैतिकता के खिलाफ है। उन्होंने तय किया कि वह एक संयुक्त बयान और संयुक्त प्रेस सम्मेलन के जरिये उसके खिलाफ आवाज़ उठाएंगे।
विभिन्न धर्म से संबंध रखने वाले उन नेताओं ने अपने साझा बयान में कहा कि हम सभी नागरिकों के बुनियादी अधिकार, आजादी और ख़ास तौर पर अल्पसंख्यकों के अधिकार पर यकीन रखते हैं।