केंद्र सरकार ने देश में आतंकी गतिविधियों में शामिल स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर पांच साल का प्रतिबंध बढ़ा दिया है। इस संबंध में गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बाद यह आदेश बृहस्पतिवार से प्रभावी हो गया है। पिछली बार यूपीए सरकार ने 1 फरवरी 2014 को सिमी को पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया था।
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अधिसूचना के अनुसार गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम, 1967 की धारा 3 की उप धारा (1) और (3 ) के तहत केंद्र सरकार सिमी को एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित करती है। यह प्रतिबंध पांच साल तक के लिए प्रभावी रहेगा। सिमी पर सरकार की तरफ से लगे इस प्रतिबंध की ट्रिब्यूनल की तरफ से पुष्टि की जाएगी।
‘They will disturb secular fabric’: Government extends ban on SIMI by five yearshttps://t.co/vfHQIbCogE pic.twitter.com/xoRwCgmNEo
— Hindustan Times (@htTweets) February 2, 2019
पंजाब केसरी पर छपी खबर के अनुसार, गृह मंत्रालय के पास ऐसे 58 केसों की सूची है जिनमें सिमी के सदस्य कथित रूप से शामिल हैं। मंत्रालय का कहना है कि संगठन सांप्रदायिक विद्वेष पैदा कर लोगों की सोच को विकृत कर रहा है। यह ऐसी गतिविधियों में शामिल है जो देश की एकता और सुरक्षा के खिलाफ है।
गृह मंत्रालय ने 58 ऐसे मामलों को सूचीबद्ध किया जिसमें कथित रूप से सिमी के सदस्य शामिल थे। मंत्रालय का कहना है कि संगठन सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करके, देश की अखंडता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को अंजाम देकर लोगों के दिमाग को दूषित कर रहा है।
इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार का यह भी मानना है कि सिमी की गतिविधियों को देखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है।