इस्लाम अपनाने वालीं हादिया के समर्थन में SIO आज रात चलाएगी ऑनलाइन कैंपेन

केरल की मेडिकल स्टूडेंट हादिया के संघर्ष के समर्थन में जमात-ए-इस्लामी हिन्द की स्टूडेंट विंग स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईओ) ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन कैंपेन चलाने का फैसला किया है। यह कैंपेन आज रात साढ़े 9 बजे से शुरु होगा।

धर्म परिवर्तन कर अखिला से हादिया बनीं 24 वर्षीय मेडिकल स्टूडेंट को एसआईओ ने समर्थन देते हुए उनकी लड़ाई में शामिल होने की बात कही है। हादिया के संघर्ष में लोगों को जोड़ने के लिए एसआईओ ने ऑनलाइन कैंपेन का आयोजन किया गया है। यह कैंपेन सोशल नेटवर्किंग साइट्स फेसबुक और ट्विटर पर आज रात से शुरु किया जाएगा।

इस कैंपेन का मकसद हादिया को इंसाफ दिलाना है, जिसकी शादी को केरल हाई कोर्ट ने ‘लव जिहाद’ का नाम देकर अवैध करार दे दिया। इसके बाद जब इंसाफ की गुहार सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई तो कोर्ट ने कथित लव जिहाद की जांच के आदेश दे दिए और मामला राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी को सौंप दिया।

हादिया पिछले छह महीनों से अपने माता-पिता के घर में कैद है। जबकि वह अपने पति शफी जहां के साथ रहना चाहती है, लेकिन मर्ज़ी के अधिकार को छीन लिया गया है और उसकी आवाज़ को बदाने की कोशिश की जा रही है।

ग़ौरतलब है कि हिंदू परिवार में जन्मीं हादिया का नाम अखिला अशोकन था। जब वह फीज़ियोथेरेपी की पढ़ाई कर रही थीं तो अपने मुस्लिम साथियों की संगत में उन्हें इस्लाम अच्छा लगने लगा। जिसके बाद उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर इस्लाम धर्म को अपना लिया। उसके परिवार ने धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया लेकिन अदालत ने उस वक्त हैबस कोर्पस की दो याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि उसे धर्म परिवर्तन का अधिकार है।

हालांकि, ये चीज़ें तब बदल गईं जब उसने शफी जहां से शादी कर ली। केरल हाई कोर्ट ने उसकी शादी को रद्द कर दिया और उसके अभिभावकों को उसकी कस्टडी दे दी। उसे अपने पति से संपर्क करने के लिए रोक दिया गया और उसे अपना काम छोड़ना पड़ा। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।