इमाम का दर्द: दाढ़ी खींची गई, मुझे थप्पड़ मारा गया, जय श्रीराम के नारे लगाने के लिए कहा गया

बाहरी दिल्ली स्थित बवाना के एक मस्जिद के एक 27 वर्षीय इमाम ने कथित तौर पर आरोप लगाया है कि जब वे शाहबाद डेयरी इलाके में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बस में सफर कर रहे थे, उस दौरान दो लोगों ने न सिर्फ उसके साथ दुर्व्यवहार किया बल्कि उसकी दाढ़ी भी खींची.

‘इंडियन एकसप्रेस’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक इमाम ने यह भी आरोप लगाया कि जब उसने विरोध करने की कोशिश की तो उनमें से एक ने उसे थप्पड़ जड़ दिया. पुलिस ने कहा कि आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाना) और धारा 341 (गलत तरीके से व्यवहार करना) के तहत प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कर ली गई है, लेकिन अबतक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

शिकायतकर्ता मौलाना मोहम्मद आफताब आलम जो कि बवाना के जेजे कॉलोनी स्थित अबूबकर मस्जिद में इमाम हैं, ने बताया कि वे 2008 से दिल्ली में परिवार के साथ रहते हैं. मूलरूप से बिहार के रहने वाले इमाम ने घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह घटना रविवार (8 अप्रैल) शाम को हुई, जब मैं सीलमपुर में अपने रिश्तेदारों से मिलकर वापस घर लौट रहा था.

मैं शाहबाद डेयरी पर बस में चढ़ा. वहां से फिर मैंने बवाना बस डिपो के लिए दूसरी डीटीसी बस ली. करीब 10 यात्री उस बस में सवार थे, उनमें से दो जिनकी उम्र करीब 35 से 40 साल रही होगी, मेरे करीब आए. बिना कुछ कहे ही उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और मुझसे मेरी राष्ट्रीयता पूछी.’

आलम ने कथित तौर पर कहा, ‘उनलोगों ने पूछा कि क्या मैं भारतीय हूं और मैंने कहा हां. जब मैंने उनके दुर्व्यवहार का विरोध किया, तो उनमें से एक ने मुझे तमाचा मार दिया. मैं डर से कांपने लगा. फिर उन्होंने मुझसे ‘जय माता दी’ और ‘जय श्री राम’ जैसे नारा लगाने को कहा, जो कि मैंने किया, लेकिन उन्होंने मुझसे दुर्व्यवहार करना जारी रखा और मेरी दाढ़ी खींची.

एक यात्री ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन उनलोगों ने उसे धमकाया जिसके बाद वह पीछे हट गया.’ मस्जिद में पढ़ाने वाले इमाम ने कहा, ‘मैंने अलार्म के जरिए ड्राइवर और कंडक्टर को बुलाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने भी दखल नहीं दिया. मेरे साथ दुर्व्यवहार करने और मुझे थप्पड़ मारने के बाद वे लोग प्रह्लादपुर बस स्टैंड पर उतर गए. मैंने तुरंत ही पीसीआर को कॉल किया.’

आलम ने कथित रूप से कहा कि पुलिस को बवाना डिपो पहुंचने में 1 घंटे का वक्त लगा, जहां वे उनका इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने मेरा स्टेटमेंट लिया और चिकित्सकीय परीक्षण के लिए मुझे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया.’

उसने दावा किया, ‘जांच अधिकारी मुझे घटनास्थल पर ले गए और मुझे रात तक के लिए पुलिस स्टेशन पर रुकने को कहा गया. वहां से दूसरी बस लेकर मैं अगली सुबह घर पहुंचा.’ रोहिणी जिला के डीसीपी रजनीश गुप्ता ने कहा कि इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.