नोटबंदी से नहीं हुआ कोई फायदा, बॉर्डर पर शुरू हुई 2000 के नकली नोटों की तस्करी

बीते साल आठ नवम्बर को पीएम मोदी ने नकली नोटों के नेटवर्क को ख़त्म करने के लिए नोटबंदी लागू करने का फैसला लिया था। जारी की गई नई करेंसी के सुरक्षा फीचर के बारे में खूब बाते कही गई थीं लेकिन पीएम मोदी के सभी दावों को खोखला साबित करते हुए हाल ही में एनआईए और बीएसएफ ने 2000 के 40 नकली नोट बरामद किये हैं।

ख़बरों की माने तो पाक में बैठे तस्करों ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के जरिए जाली नोटों की तस्करी शुरू कर दी है।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, तस्करी करने वाले असली नोट के 17 में से 11 सिक्युरिटी फीचर्स कॉपी करने में कामयाब हो गए हैं। इन नकली नोटों को पहचानना मुश्किल हो गया है। जांच से जुड़े अधिकारियों ने आशंका जाहिर की है जल्द ही ये नकली नोट भारतीय बाजार में पहुंच सकते हैं।

एनआईए और सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से अब तक कई लोगों को जाली नोटों के साथ पकड़ चुके हैं। ताजा मामला आठ फरवरी का बताया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, आठ फरवरी को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में अजीजुर रहमान नामक शख्स को दो हजार के 40 नकली नोटों के साथ पकड़ा गया था।

पूछताछ में उसने खुलासा किया कि जाली नोटों को आईएसआई की मदद से पाक में छापा गया है, जिन्हें बांग्लादेश सीमा से भारत में लाया गया। हर दो हजार के नोट के लिए तस्करों को 500-600 रुपये देने होते थे।

भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड के अधिकारियों की मानें तो नए नोटों के फीचर्स पुराने एक हजार और पांच सौ के नोटों के समान ही हैं। इनमें कोई अतिरिक्त सुरक्षा फीचर्स नहीं डाले गए हैं। नोटों के सुरक्षा फीचर में बदलाव करना बहुत बड़ा काम है। नोटबंदी का फैसला महज पांच महीन पहले लिया गया था। ऐसे में नए नोटों में अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं को पेश करने के लिए समय नहीं था।