सोशल: चुनाव जीतने के लिए BJP के पास विधायक ख़रीदने का पैसा है, लेकिन ऑक्सीजन ख़रीदने का नहीं

गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 63 से ज्यादा मासूम बच्चों की मौतों ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है । मौत पर लोग दुखी तो हैं ही लेकिन सरकार और प्रशासन को लेकर नाराज़गी भी देखी जा रही है ।

सोशल मीडिया गोरखपुर और इन्सेफेलाइटिस की खबरों से पटा हुआ है । देश की बड़ी हस्तियां हों या आम आदमी हर कोई इस लापवाही की निंदा कर रहा है। लेकिन सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बड़े हादसे पर अब तक कोई ट्वीट नहीं किया है ।

नोबल पुस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने ट्विटर पर लिखा है कि बिना ऑक्सीजन के 30 बच्चों की मौत हादसा नहीं, हत्या है । क्या हमारे बच्चों के लिए आजादी के 70 सालों का यही मतलब है?

 

आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने बीजेपी और योगी सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा है कि मंदिर-मदरसा-गाय से फुर्सत पाकर शिक्षा-स्वास्थ्य-बचपन को भी ज़रा प्राथमिकता दे दो लोकतंत्र के अधिपतियो 30 बच्चों की मृत्यु?किसी को कोई शर्म?

 

वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव ने लिखा है कि गोरखपुर में 30 हिंदू बच्चे मर गए, नोटबंदी की लाइन में भी 200 हिंदुओं ने दम तोड़ दिया और आप कहते हैं कि मुसलमान डरा हुआ है । ये ऑक्सीजन की कमी से नहीं मरे, ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से मरे, ये हत्या है ।

 

सोशल मीडिया में पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ को लेकर जबरदस्त गुस्सा देखा जा रहा है । मोहम्मद फतेह लिखते हैं कि व्यापारी हैं साहेब विधायक खरीदते हैं मौत बेचते हैं ।

 

पत्रकार दिलीप खान ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है । वो लिखते हैं कि एमएलसी खरीदने के लिए पैसे हैं, एमएलए खरीदने के लिए पैसे हैं लेकिन ऑक्सीजन खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं । टीवी वालों तुम अपनी खबर पर डटे रहो, दिखाओ कि आदित्यनाथ के सर पर बाल क्यों नहीं उगते हैं ।

 

11 अगस्त को गोरखपुर में बच्चों की मौत की खबर आते ही सोशल मीडिया पर #Gorakhpur,#GorakhpurTragedy और #BRD ट्रेंड करने लगा। लोगों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर अपना गुस्सा निकला। राजनीतिक पार्टियों ने भी इसे लेकर सरकार को घेरा है और सवाल उठाए हैं।