लखनऊ: यूपी में गोरखपुर और फूलपुर संसदीय क्षेत्रों में उप चुनाव में बसपा के समर्थन के बाद समाजवादी पार्टी की एतिहासिक जीत ने एक ओर जहाँ 2019 के आम चुनाव के लिए यूपी में महान सेकुलर गठबंधन के आशंकाओं को रोशन कर दिया है वहीं आंकड़ों पर नजर रखने वालों ने हिसाब लगाना शुरू कर दिया है कि अगर ऐसा हुआ तो उसके क्या नतीजे बरामद होंगे और लोकसभा में भगवा पार्टी को कितनी सीटों का नुकसान हो सकता है।
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आंकड़े का गौर से स्टडी किया जाए तो पता चलता है कि अगर 2019 में सपा और बसपा साथ मिलकर चुनाव लड़ती हैं और 2017 के विधानसभा चुनाव जैसी ही पोलिंग होती है तो भाजपा को लोकसभा की कम से कम 50 सीटों से हाथ धोना और 23 सीटों से काम चलाना पड़ सकता है जबकि 2014 की मोदी लहर जैसी पोलिंग होती हिया तब भी भगवा पार्टी उत्तर प्रदेश में 37 लोकसभा सीटों से आगे नहीं बढ़ पाएगी।
प्रमुख अंग्रेजी न्यूज़ पेपर इंडियन एक्सप्रेस में रवीश तिवारी ने चुनावी क्षेत्रों की स्तर पर आंकड़ा का जायजा लेने और आंकलन करने के बाद बताया है कि 2017 की पोलिंग बताती है कि अगर एसपी और बसपा के वोटर एकजुट हो गये तो भाजपा को लोकसभा में 50 सीटें कम हो सकती हैं।