लखनऊ: भाजपा की सरकार बनने के बाद भगवा ब्रिगेड की हिम्मत बुलंदियों पर पहुंच चुकी है। गौहत्या और गौरक्षा के नाम पर सारेआम बेगुनाहों की पिटाई करना भगवा गुंडों के लिए आम बात है। गले मे भगवा गमछा और हाथ में लाठी लेकर ये किसी भी राह चलते की पिटाई कर देते हैं
पूरे राज्य में भगवा का आतंक चरम पर
पूरे प्रदेश में इस समय भगवापंथियों का आतंक चरम पर पहुंच चुके हैं अक्सर इनके आगे तमाशाबीन बनी यूपी की पुलिस अब अपमानित होने के कागार पर पहुंच चुकी है। रोज़ाना योगी सरकार का कोई न कोई नेता और विधायक किसी न किसी पुलिस अधिकारी से अभद्रता, गाली—गलौज और थप्पड़ मारने की घटना को अंजाम देने की खबरें आ रही हैं।
सैंय्या भयो कोतवाल तो अब डर काहें का
भगवा ब्रिगेड इस बात से ज्यादा खुश हैं कि ‘सैंय्या भयो कोतवाल तो अब डर काहें का’ लेकिन आगरा में पुलिस के साथ भगवा ब्रिग्रेड की झड़प के बाद अब एक्शन में आई यूपी पुलिस का इन लोगों पर कार्रवाई का असर साफ दिखाई दे रहा है फतेहपुर सिकरी और सदर में जिस तरह से अपने आदमी को थाने से छुड़ाने के लिए भगवा ब्रिगेड ने पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मारा और अपने आदमी छुड़ा ले गए उससे पुलिस को अपनी सम्मान बचाने जुगत करनी पड़ रही है।
भगवा लिबास बनी मुसीबत
हालांकि इस घटना के बाद पुलिस ने लगभग 300 लोगों को नामजद किया और वीडिया व फुटेज हासिल करने के बाद पुलिस ने कई नेताओं की पहचान करना शुरू कर दिया है। कभी शान से भगवा रंग धारण करने वाले भगवा ब्रिगेड अब भगवा गमछे में कम नज़र आ रहे और अब दूसरे रंग के गमछे लेकर चल रहे हैं। भगवा ब्रिगेड को डर है कि कहीं भगवा गमछा और भगवा लिबास उनके लिए मुसीबत न बन जाए और उनको भगवा के आधार पर नामज़द न कर ले। खैर यूपी पुलिस ने भी ये साबित कर दिया है कि जब पुलिस का डंडा पड़ता है अच्छे अच्छों का रंग बदल जाता है।