इस अंतर्राष्ट्रीय शूटर को भुगतना पड़ा मुस्लिम होने का खमियाजा, परिवार ने लगाया भेदभाव का आरोप

कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए खिलाड़ियों का चयन किये जाने में भेदभाव का आरोप लगा है ।  अमर उजाला की खबर के मुताबिक साल 2019 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शूटिंग में नाम कमाने वाले मेरठ के शहजर रिजवी को चयनित खिलाड़ियों की सूची में स्थान नहीं मिला है। चयन के लिए दिल्ली में हुए ट्रायल्स में मेरठ के शूटर ने दूसरा स्थान पाया। इसके बाद भी कॉमनवेल्थ के लिए तीसरे स्थान पर आए शूटर का चयन कर लिया गया। वही शजहर के परिजनों ने चयनकर्ताओं पर भेदभाव और धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले की शिकायत केंद्रीय खेल मंत्री से भी की है।
मवाना खुर्द निवासी शहजर रिजवी पिछली तीन अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में देश के लिए गोल्ड जीतकर आए हैं। आस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में पिछले साल के अंत में कामनवेल्थ नेशनल चैंपियनशिप में शहजर ने गोल्ड जीता था। इससे पहले वो जापान और ईरान में भी देश के लिए गोल्ड जीत चुके हैं। शहजर रिजवी एअर फोर्स में सारजेंट हैं। अभी उनकी पोस्टिंग गाजियाबाद के हिंडन में है। अपने प्रदर्शन के आधार पर शहजर को कामनवेल्थ गेम के लिए चयन का पूरा भरोसा था।  शहजर के भाई अहमर रिजवी ने बताया 11 से 22 जनवरी के बीच नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया की ओर दिल्ली में कामनवेल्थ गेम्स के लिए शूटिंग खिलाड़ियों के ट्रायल्स आयोजित हुए। इसका रिजल्ट 30 जनवरी को जारी किया गया। इसमें दस मीटर एअर पिस्टल के मुकाबले में पहले पायदान पर आर्मी के ओमप्रकाश मितरवाल, दूसरे नंबर पर एअरफोर्स से शहजर रिजवी, और तीसरे नंबर पर आर्मी से जीतू राय रहे थे। दूसरा स्थान प्राप्त करने के बाद भी तीसरे पायदान पर आने वाले खिलाड़ी का चयन कामनवेल्थ के लिए कर लिया गया।  शहजर के पिता शमशाद रिजवी ने अमर उजाला को बताया कि एअरफोर्स में नौकरी के चलते शहजर को मीडिया के समक्ष आने के लिए अधिकारियों ने मना किया है। लेकिन शहजर ने फोन पर अपना दर्द बयान किया है। इसके बाद परिवार में निराशा का माहौल है। उनके भाई अहमर ने बताया कि इस मामले को लेकर शहजर ने नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया को कई बार मेल किया। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया। परिवार के लोग लगातार केंद्रीय मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ के ट्वीटर पर शिकायत कर रहे हैं। लेकिन अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है।  पिता शमशाद ने बताया कि एसोसिएशन के अध्यक्ष से भी मामले में शिकायत की गई। जवाब मिला कि एचीवमेंट के आधार पर जीतू राय का चयन किया गया। इसके बाद परिवार के सवाल और बढ़ गये। उनका कहना है कि जब एचीवमेंट से चयन होना था तो ट्रायल्स की क्या जरूरत थी। पिता का कहना है कि मामले का हल नहीं निकला तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। पिता ने बताया कि एअरफोर्स के सीनियर अधिकारी मामले पर नजर रखे हैं। विभाग से निर्देश मिलने के बाद ही शहजर मीडिया के सामने आएंगे। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी मदद करेगी।

साभार अमर उजाला