बिहार का 700 करोड़ का सृजन घोटाला कहीं मप्र का व्यापम घोटाला तो साबित नहीं होगा। ये इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सृजन घोटाले के आरोपी महेश मंडल की रहस्यमयी हालात में मौत हो गई है।
महेश मंडल की मौत पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सवाल खड़े किए हैं। इस मौत के बाद तेजस्वी ने ट्वीट कर सृजन घोटाले की तुलना मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से की है। साथ ही ये भी आशंका जताई है कि सृजन घोटाला व्यापमं से भी ज्यादा व्यापक है।
तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘सृजन घोटाले में गिरफ्तार आरोपी जदयू नेता के पिता और आरोपी नाजिर महेश मंडल की देर रात जेल में विषम परिस्थितियों मे मौत। व्यापमं से भी व्यापक है सृजन।’
सृजन घोटाले में गिरफ़्तार जदयू नेता के पिता व आरोपी नाज़िर महेश मंडल की देर रात जेल में विषम परिस्थितियों मे मौत।व्यापम से भी व्यापक है सृजन
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 21, 2017
मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से जुड़े 40 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। इनमें बड़े पत्रकार के अलावा कई अधिकारी और कॉलेजों के प्रोफेसर तक शामिल हैं। व्यापम के आरोपियों या उस घोटाले की पड़ताल करने वाले लोगों की संदेहास्पद हालातों में मौत हो गई है।
रविवार को सृजन घोटाले के आरोपी महेश मंडल की मौत हुई है। महेश किडनी और कैंसर की बीमारी का इलाज करा रहे थे। महेश की गिरफ्तारी पिछले रविवार को भागलपुर से हुई थी, हालांकि गिरफ्तारी के बाद भी उनका इलाज एक अस्पताल में चल रहा था। परिवारवालों का आरोप है कि महेश की मौत जेल और पुलिस की लापरवाही का परिणाम है।
महेश जिला कल्याण विभाग में नाजिर थे और इस घोटाले के सामने आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। अपनी गिरफ्तारी के बाद महेश ने अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया था वह काफी चौंकाने वाला था।
उनके गांव में डेढ़ एकड़ का आलीशान बंगला है जिसके हर कमरे में एसपी है इतना ही नहीं बल्कि बाथरूम में भी एयरकंडीशन लगा है। महेश का बेटा शिव मंडल जनता दल यूनाइटेड का भागलपुर इकाई का युवा विंग का अध्यक्ष था और इस मामले के प्रकाश में आने के बाद उसे भी पार्टी से बाहर कर दिया गया।
शिव जिला परिषद का सदस्य है और अपने साथ पूछताछ में महेश ने माना था कि जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में उन्होंने करीब 3 करोड़ ख़र्च किया, लेकिन वह अपने बेटे को चुनाव में जीत नहीं दिला सके।
इस बीच भागलपुर पुलिस ने रविवार को आरोपी और अब भाजपा से निलंबित नेता विपिन शर्मा समेत कई लोगों के यहां छापेमारी की। इनमें से अधिकांश इन आरोपियों के सृजन की काली कमाई से शुरू किए गए व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं।