ST- SC में बदलाव के खिलाफ़ आज भारत बंद, रोकी गयी ट्रेनें!

एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज सोमवार को कई संगठनों ने भारत बंद का आव्हान किया है. बंद का समर्थन करने वाले संगठन अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पूर्व की तरह लागू करने की मांग कर रहे हैं.

इस बीच केंद्र सरकार सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करके कोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करेगी. बीजेपी के कई सांसदों सहित कई दलों ने केंद्र सरकार से इस मामले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग की थी.

पंजाब में बंद के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए सेना की तैनात की गई है. राज्य के बठिंडा जिले में 300 के करीब बीएसएफ व पंजाब पुलिस के जवानों को 2 दिन पहले ही तैनात कर दिया गया है.

राज्य में सोमवार को परिवहन सुविधाएं बंद रहेंगी. कोई आपराधिक घटना न होने पाए इसके लिए पंजाब सरकार ने सोमवार को सभी स्कूल बंद करने का निर्देश दिया है. मोबाइल सेवाएं भी बंद रहेंगी.

पंजाब के मुख्य सचिव करण ए. सिंह ने रक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि पंजाब सरकार कानून और व्यवस्था लागू करने के लिए आर्मी जो भी मदद मांगेगी, उसे मुहैया कराई जाएगी. पंजाब में अनुसूचित जाति की बड़ी आबादी को देखते हुए सरकार हर स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है.

उधर, छत्तीसगढ़ में भारत बंद को कांग्रेस और जोगी कांग्रेस ने पूरा समर्थन देने का ऐलान किया है. दूसरी ओर हरियाणा में ऑल हरियाणा एससी इम्प्लाइज फेडरेशन और समस्त एससी समाज के प्रतिनिधियों ने कई कालोनियों और कार्यालयों का दौरा कर 2 अप्रैल को विशाल प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है.

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी कस्बे के डॉ. अंबेडकर भवन में रविवार को एससी, एसटी संघर्ष समिति की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन पर विरोध जताते हुए एक्ट को पूर्व की भांति पुनः लागू कराने की मांग को लेकर सोमवार को भारत बंद का समर्थन किया.

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट 1989 में सीधे गिरफ्तारी पर रोक लगाने का फैसला किया था. कोर्ट ने कहा था कि SC/ST एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तुरंत गिरफ्तारी की जगह शुरुआती जांच हो.

कोर्ट ने कहा था- केस दर्ज करने से पहले डीएसपी स्तर का अधिकारी पूरे मामले की प्रारंभिक जांच करेगा और साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि कुछ मामलों में आरोपी को अग्रिम ज़मानत भी मिल सकती है.
दलित और आदिवासी संगठनों की दलील है कि कोर्ट के इस फैसले से ये कानून कमज़ोर होगा. दलित और आदिवासी संगठनों ने महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, यूपी, गुजरात और दिल्ली समेत कई राज्यों के दलितों से आज बुलाए गए बंद में शामिल होने की अपील की है.

भारत बंद के समर्थन के साथ ही संघर्ष समिति ने कस्बे में शांति मार्च निकाल कर एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने का निर्णय किया है. समिति की बैठक में सोमवार सुबह 10 बजे अंबेडकर भवन में एकत्र होने का निर्णय किया है. शांति मार्च अंबेडकर भवन से एसडीएम कार्यालय पहुंचेगा जहां समिति के सदस्य राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपेंगे.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट में संशोधन किए जाने के विरोध में कई सामाजिक संगठन सामाने आ गए हैं. संशोधन को समाप्त कर एक्ट को पहले की भांति रखने की मांग की जा रही है. अनुसूचित जाति और अनुसचित जनजाति के लोग इस एक्ट को शिथिल करने के विरोध में 2 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया है.