द्रमुक का अध्यक्ष बनने के बाद एम.के.स्टालिन ने मोदी सरकार पर हमला बोला ।स्टालिन ने पार्टी अध्यक्ष पद की शपथ लेने के बाद पहले संबोधन में पार्टी कार्यकर्ताओं से मोदी सरकार को सबक सिखाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के अधिकारों को कुचला जा रहा है और मोदी सरकार को सबक सिखाने की जरूरत है। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में इसे ‘गंभीर चुनौती’ कहते हुए स्टालिन ने कहा कि शिक्षा, कला, साहित्य, धर्म पर सांप्रदायिक ताकतों द्वारा हमले हो रहे हैं।
केंद्र सरकार न्यायपालिका, गवर्नरों के चयन को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने द्रमुक कार्यकर्ताओं से जनविरोधी व रीढ़विहीन अन्नाद्रमुक सरकार को तमिलनाडु से उखाड़ फेंकने की अपील की। हम उस पार्टी का विरोध करेंगे, जो एक भाषा का प्रभुत्व चाहती है।
स्टालिन ने कहा कि द्रमुक द्रविड़ आइकन ई.वी. रामास्वामी ‘पेरियार’ के सामाजिक न्याय की नीतियों से विमुख नहीं होगी। द्रमुक के ईश्वर विरोधी नहीं होने की घोषणा करते हुए स्टालिन ने कहा कि पार्टी पेरियार की तर्कवादी नीति से पीछे नहीं जाएगी।
स्टालिन ने भरोसा दिया कि द्रमुक का नया नेतृत्व पार्टी सदस्यों व समर्थकों के विचार को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने स्वीकार किया कि अपने दिवंगत पिता की तरह तमिल भाषा पर उनकी पकड़ नहीं। स्टालिन ने कहा कि अब से वह एक अलग स्टालिन हैं और द्रमुक व तमिलनाडु को एक नए भविष्य की ओर ले जाएंगे।