कश्मीर: 2 लोगों की मौत के खिलाफ हड़ताल, श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद फिर बंद

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में आज अलगाववादी नेताओं की तरफ से हड़ताल का असर देखने को मिला। सैयद अली गिलानी, मीरवाइज़ मौलवी उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक ने दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा में गुरुवार को स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में दो लोगों की मौत के बाद हड़ताल का एलान किया था।

 

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वहीँ श्रीनगर के पाईन शहर के नोहटाह क्षेत्र में पाबंदी की वजह से ऐतिहासिक जामा मस्जिद में आज जुमे की नमाज अदा नहीं की जा सकी। नोहटाह के निवासियों ने बताया कि आज सुबह सुरक्षा बलों के अतिरिक्त टुकड़ियाँ ऐतिहासिक जामा मस्जिद के बाहर तैनात कर दी गई और सुबह से ही किसी भी व्यक्ति को मस्जिद के अंदर आने पर रोक लगा दी गई।

उन्होंने बताया कि मस्जिद की ओर जाने वाली सभी सड़कों को कांटेदार तार से सील कर दिया गया था। मस्जिद के मोअज़्ज़न को भी अजान देने के लिए मस्जिद के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।

गौरतलब है कि घाटी में पिछले साल 8 जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वाणी की मौत के साथ ही कश्मीर प्रशासन ने 622 साल पुराने ऐतिहासिक जामा मस्जिद को कड़ी घेराबंदी में लेकर इसका प्रवेश द्वार बंद कर दिए थे। उन्नीस सप्ताह तक सुरक्षा बलों की घेराबंदी में रहने के बाद कश्मीरी जनता की इस सबसे बड़ी इबादतगाह में करीब पांच महीने बाद 25 नवंबर को जुमे की नमाज अदा अदा हो सकी।

1842 के बाद से 2016 तक, ऐसा पहली बार हुआ कि जब किसी सरकार ने श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद को लगातार साढ़े चार महीने तक बंद रखा।

हड़ताल की कॉल पर घाटी में दुकानें और व्यापारिक केंद्र बंद रहे। हालांकि कुछ एक सड़कों पर इक्का दुक्का निजी और छोटे यात्री वाहन चलती हुई नजर आईं। सरकारी कार्यालयों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सामान्य कामकाज प्रभावित रहा और अधिकांश शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहे।