देश के आजादी के लिए जंग लड़ चुके नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत को लेकर मोदी सरकार ने एक नया खुलासा किया है।
एक आरटीआई के जवाब में मोदी सरकार ने माना कि नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 को ताइवान में हुई थी। वह एक प्लेन क्रैश में मारे गए थे।
गृह मंत्रालय के द्वारा दिए गए जवाब में कहा गया है कि शाहनवाज कमेटी, जस्टिस जीडी खोसला कमीशन और जस्टिस मुखर्जी कमिशन की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद यह नतीजा निकलता है कि उनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 को प्लेन क्रैश में हुई थी।
ये रिपोर्ट गृह मंत्रालय की साइट mha.nic.in पर मौजूद है।
नेताजी के पोते चंद्र कुमार बोस ने इसे नकारते हुए बहुत ही गैरजिम्मेदाराना बताया है। इसके साथ उन्होंने पीएम मोदी से पूरे मामले में दखल देने की अपील की है। चंद्र कुमार का कहना है कि इस मामले में अभी भी जांच चल ही रही है, तो केन्द्र इस तरह का जवाब कैसे दे सकती है।
चंद्र कुमार बीजेपी के नेता भी है। उन्होंने मांग की है की केंद्र सरकार एसआईटी बनाकर वैज्ञानिक तरिके से जांच कर रिपोर्ट सामने रखे। इस बात से पर्दा उठायें कि सुभाष चंद्र बोस के साथ क्या हुआ था।