नई दिल्ली: राम मंदिर मुद्दे को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बाद से दोनों पक्षों में ज़ुबानी जंग छिड़ गई है। इस बहस में अब विवादित बयान के लिए पहचाने जाने वाले भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम सरयू पार मस्जिद बनाने का प्रस्ताव मान लें वरना उनकी सरकार क़ानून ले आएगी।
ट्विटर पर राम मंदिर मुद्दे को लेकर बुधवार सुबह से भाजपा नेता ने कई कई ट्वीट कर चुके हैं। जिसमे से एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि मुस्लिम सरयू पार मस्जिद बनाने का प्रस्ताव मान लें वरना 2018 में राज्यसभा में बहुमत के बाद उनकी सरकार मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाने का काम करेगी।
Muslim should accept my proposal for a masjid across Saryu. Or else in 2018 on getting the RS majority we will enact a law to build temple
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 21, 2017
यही नहीं दूसरे ट्वीट में चुनौती देते हुए स्वामी ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से 1994 से ही राम जन्मभूमि में रामलाला का अस्थायी मंदिर है और वहां पूजा भी जारी है। क्या यह कोई गिराने की हिम्मत कर सकता है?
There is already a temporary Ramlala temple in Ramjanmabhoomi sanctioned by Supreme Court in 1994. Puja on. Can anyone dare to demolish it?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 21, 2017
बता दें कि राम मंदिर मुद्दे को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मुद्दे को अदालत के बाहर आपसी बातचीत से सुलझा लिया जाए। कोर्ट ने कहा था कि समस्या को न्यायिक रूप से हल करने की बजाय इसका शांतिपूर्ण समाधान निकालना बेहतर है।