सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग के मामले में नोटिस थमाया है। सरकार के राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग प्रक्रिया को कम पारदर्शी बनाने और कॉरपोरेट घरानों व विदेश से असीमित चंदा स्वीकारने को लेकर कोर्ट ने सवाल किया है।
इस याचिका को NGO एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स ने दी थी। हाल ही में राजनीतिक फंडिंग को लेकर हुए संशोधनों को इसमें चुनौती दी गई थी, जिसमें कॉरपोरेट घराने किसी भी राजनीतिक पार्टी को अपने औसत नेट प्रॉफिट में से साढ़े सात फीसद चंदा देने की अनुमति दी गई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी इस पर सवाल खड़े किए कि आखिर क्यों राजनीतिक पार्टियों को संशोधन के तहत इलेक्टोरल बॉन्ड्स से क्यों राजनीतिक चंदा स्वीकारने की अनमुति मिल रही है। वह भी स्रोत का खुलासा किए बगैर।
जाने-माने वकील प्रशांत भूषण का इस पर ट्वीट आया। उन्होंने लिखा कि “राजनीतिक फंडिंग कम पारदर्शी करने और उनकी असीमित कॉरपोरेट व विदेशी फंडिंग करने के लिए मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस थमाया है।”
SC notice to Modi govt for making political funding even less transparent &allowing unlimited corporate&foreign funding of political parties https://t.co/mDuYLstcmW
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) October 3, 2017