हिन्दू संगठनों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘पद्मावती’ पर रोक से किया इंकार

नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को संजय लीला भंसाली की विवादों से घिरी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण राजपूत रानी पद्मावती का किरदार निभा रही हैं।

न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है क्योंकि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) अभी तक इसके प्रमाणन पर फैसला नहीं कर पाया है। इस फिल्म में शाहिद कपूर रावल रतन सिंह और रणवीर सिंह आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी का किरदार निभा रहे हैं।

फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होने के लिए तैयार है। यह फिल्म कई विवादों से घिरी रही है। कांग्रेस और भाजपा सहित कुछ हिंदू संगठनों और राजनीतिक दलों का कहना है कि इस फिल्म के जरिए इतिहास को तोड़मरोड़ पेश किया गया है और साथ ही पद्मावती का गलत तरीके से चित्रण किया गया है। वहीं, भंसाली ने इन आरोपों को खारिज किया है।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अर्जुन गुप्ता ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर फिल्म ‘पद्मावती’ के निर्देशक संजय लीला भंसाली पर इतिहास से छेड़छाड़ करने के लिए देशद्रोह का मुकदमा चलाने की गुजारिश की है।

उत्तर भारतीय मोर्चा, भाजपा के महासचिव अर्जुन ने कहा, “कुछ लोग पैसा कमाने और अपना व्यवसाय चमकाने के लिए ‘घिनौना’ काम कर रहे हैं।” अर्जुन ने कहा कि भंसाली ने फिल्म ‘पद्मावती’ के जरिए रानी पद्मावती के त्याग एवं बलिदान को कलंकित किया है।

उन्होंने कहा, “न कि सिर्फ राजपूत समुदाय बल्कि पूरा देश इसके खिलाफ खड़ा है। इतिहास से छेड़छाड़ करने के लिए उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई फिल्मकार ऐसा करने से बचे।

अर्जुन ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से फिल्म को प्रमाण पत्र नहीं देने की भी अपील की है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उनके पत्र को संज्ञान में लिया जाएगा और भंसाली के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलेगा।

फिल्म ‘पद्मावती’ एक दिसंबर को रिलीज हो रही है और विभिन्न संगठन इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाते हुए इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं।

भंसाली लगातार सफाई देते आए हैं कि फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच ऐसा कोई सीन नहीं है, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हो।