सजा-ए-मौत के लिए फांसी की जगह कोई विकल्प निकाले केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सजा-ए-मौत के लिए दी जाने वाली फांसी की सजा से अलग कोई दूसरा तरीक़ा अपनाए जाने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि फांसी की जगह मौत की सज़ा के लिए किसी दूसरे विकल्प को अपनाया जाना चाहिए।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जुस्तीसे एएम खानविलकर और जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र सरकार से इस मामले में तीन हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।
याचिका में कहा गया है फांसी से मौत में 40 मिनट तक लगते है जबकि गोली मारने और इलेक्ट्रिक चेयर पर कुछ मिनट में आदमी मर जाता है।

याचिका में फांसी को मौत का सबसे दर्दनाक और बर्बर तरीका बताते हुए जहर का इंजेक्शन लगाने, गोली मारने, गैस चैंबर या बिजली के झटके देने जैसी सजा देने की मांग की गई है।
इस याचिका में कहा गया है कि फांसी की सजा असंवैधानिक है, क्योंकि यह तकलीफदेह होती है और जीवन समाप्त करने का यह सम्मानजनक तरीका नहीं है।
मौत की सजा का तरीका ऐसा होना चाहिए जो जल्दी से मौत हो जाए और ये तरीका आसान भी होना चाहिए ताकि ये कैदी की मार्मिकता को और ना बढ़ाए।