न्यायाधीशों के नाम पर कथित तौर पर रिश्वत मामले की जांच एसआईटी से कराने संबंधी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि सीबीआई की एफआईआर किसी न्यायाधीश के खिलाफ नहीं है और न ही उसके लिये एक न्यायाधीश के खिलाफ ऐसा करना संभव है।
कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिकायें दायर कर संस्थान को नुकसान पहुंचाया गया और उसकी निष्ठा पर शक जाहिर किया गया।
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कामिनी जायसवाल की याचिका खारिज करते हुए कहा कि फिलहाल अवमानना का केस नहीं चला रहे लेकिन याचिका अवमानना कारक थी। उम्मीद है वकील अपना बर्ताव सुधारेंगे।
आपको बता दें कि कल सोमवार को डेढ़ घंटे की गरमागरम बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की पीठ ने वकील कामिनी जायसवाल की रिट याचिका की विचारणीयता पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।