सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार पर लगाया 25 हजार रुपये का जुर्माना

पोलावरम मामले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित भाजपा सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पोलावरम मामले को लेकर जवाब माँगा था, लेकिन सरकार ने इसकी जवाब अभी तक नहीं दे पाई, जिसकी वजह से कोर्ट ने सरकार पर यह जुरमाना लगाया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, पोलावरम बांध के लिए हुए अन्तर्राज्यीय समझौते में अविभाजित आन्ध्रप्रदेश (अब तेलगाना सीमांध्र) अविभाजित मध्यप्रदेश(अब छत्तीसगढ़) व ओडिशा राज्य शामिल है। इस परियोजना के जरिए इन राज्यों में सिंचाई, बिजली पैदा करने के अलावा कृष्णा कछार में जल व्यपवर्तन का काम पूरा करना था। इस साथ ही बिजली पैदा करने व सिंचाई का काम होना था।

इस प्रोजेक्ट के तहत दोरला नाम का आदिवासी समुदाय बुरी तरह प्रभावित होगा। यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस बांध के कारण सुकमा जिले के कोंटा सहित 18 गांव डूब जाएंगे। बता दें कि पोलावरम बांध के निर्माण का काम सालों से चल रहा है, जबकि ऊंचाई कम करने के लिए कई बार सरकार से मांग की जा चुकी है।

ऊलेख्नीय है कि, 7 अगस्त 1978 को अविभाजित मध्यप्रदेश की जनता पार्टी की सरकार ने पोलावरम अन्तर्राज्यीय परियोजना के लिए समझौते पर दस्तखत किया था। तब मुख्यमंत्री वीरेन्द्र कुमार सकलेचा थे, इसके बाद संशोधित समझौता 2 अप्रैल 1980 को किया गया था।