नई दिल्ली: उड़ीसा की जेल में दो साल से आतंकवाद के आरोप में बंद नजमा बी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी। साथ ही पुलिस की बनाई हुई फर्जी कहानी का भी पर्दा फाश हो गया। जमानत के कागजात तैयार किये जा रहे हैं और जल्द ही 58 साला नजमा बी को जेल से रिहाई मिल जाएगी।
Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये
अहम बात यह है कि जब नजमा बी जेल में थी तो उसी बीच पुलिस ने उनके एक छोटे बेटे महबूब को एनकाउंटर में मार दिया था जबकि उनके शोहर का इन्तेकाल पहले ही हो चूका है। नजमा के बेटे महबूब को पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था और उसे 2009 से मध्यप्रदेश की जेल में रखा गया था।
31 अक्टूबर 2016 को मध्यप्रदेश की जेल तोड़कर लगभग 8-10 कैदियों के भागे जाने का मामला सामने आया और भागने वालों में नजमा की मां के घर छापेमारी की और उसे यह कर अपने साथ ले गई कि हमने कुछ लोगों को पकड़ा है इस लिए तुम निशानदेही करो कि क्या उनमें तुम्हारा बेटा महबूब भी है। पुलिस ने बाद में नजमा पर आतंकवाद वही मुकदमे आयद कर दिए जो भागे हुए कैदियों पर थे। पुलिस ने नजमा को सेमी की सदस्य बताया और आरोप लगाया कि यह नौजवानों को गुमराह करती है।