सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को दो हफ्ते में हापुड़ लिंचिंग पर रिपोर्ट पेश करने को कहा

यूपी के हापुड़ में हुए मॉब लिंचिंग मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ के आईजी को निर्देश दिया है कि वह मामले की छानबीन कर दो हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें।

इस लिंचिंग में भीड़ ने एक शख्स को मार डाला था जबकि दूसरा घायल हो गया था। घायल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सुरक्षा की गुहार लगाते हुए मामले में जल्द सुनवाई की मांग की गई है।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान यूपी पुलिस को नोटिस जारी कर रिपोर्ट देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता समीउद्दीन की ओर से अर्जी दाखिल की गई है। समीउद्दीन ने कहा है कि भीड़ ने उन्हें निशाना बनाया और इस दौरान उसे बुरी तरह से पीटा गया था।

याचिका में सुरक्षा के साथ-साथ घटना की एसआईटी जांच की मांग भी की गई है। याचिका में ये भी कहा गया है कि मामले की सुनवाई यूपी से बाहर होना चाहिए और केस ट्रांसफर किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि मामले में हाल में एक टीवी चैनल का स्टिंग भी सामने आया था।

सोमवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने यूपी के हापुड़ जिले के एसपी को निर्देश दिया है कि वह शिकायती और घटना में घायल हुए विक्टिम के आग्रह पर गौर करे जिसमें याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है कि उसे सुरक्षा प्रदान किया जाए। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 28 अगस्त के लिए टाल दी है।

चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच के सामने एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने दलील दी थी कि 18 जुलाई को 45 साल के कासिम कुरैशी की हत्या की गई थी। वृंदा ग्रोवर ने कहा कि मामले में जल्दी सुनवाई की दरकार है क्योंकि यूपी पुलिस इसे रोडरेज बता रही है जबकि घटना के बाद 45 साल के कासिम कुको जान से मारा गया था।