रामपुर: ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के को पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां ने काफी सराहा है। कोर्ट द्वारा तीन तलाक को असंवैधानिक करार देने पर आजम खां ने कहा कि हमें इस फैसले का सम्मान करना चाहिए।
लेकिन इस मामले में संसद में जो भी जो कानून बने वह उलेमाओं की राय से बने। क्यूंकि राजनीतिक दल किसी धर्म में तब्दीली नहीं कर सकते।
आजम खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बाद भी जनता की अदालत है। वाकई भारत में लोकतंत्र का कुछ भी हिस्सा बाकी है तो धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होगा, वरना यह बहुत मुश्किल होगा कि कब किसकी आस्था पर कुठाराघात हो जाए।
किसी भी धर्म के पेशेवर राजनीति से प्रेरित नहीं होते, न ही वह किसी राजनैतिक पार्टी के वफादार होते हैं।
उनकी वफादारियां धार्मिक और मजहबी विचारधारा के साथ होती हैं। हम उम्मीद करते हैं कि पार्लियामेंट जो भी कानून बनाएगी, वह मुसलमानों के धर्म या आस्था और उलेमाओ के दिए हुए, स्कालर्स के दिए हुए मश्वरे पर कानून बनाएगी।
किसी पार्टी का बहुमत होने से किसी का मजहब नहीं बदल जाता। कोई राजनीतिक दल हिंदू या इस्लाम धर्म में किसी भी तरह की तब्दीली नहीं कर सकता।