नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद को लेकर शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले के दस्तावेज और मौखिक गवाहियों का 12 हफ्ते में अनुवाद करने को कहा है।
कोर्ट ने सभी पक्षकारों को सूचना के लिए 4 हफ्ते में हिन्दी-अंग्रेज़ी के अखबार में नोटिस निकालने का आदेश दिया है। कोर्ट ने नियमित सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तारीख तय कर दी है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा ने सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तारीख का विरोध किया है। दोनों पक्षों ने कहा है कि अभी केस की सुनवाई के लिए तैयार नहीं है।
वहीं योगी सरकार ने भी सुनवाई की तारीख का विरोध करते हुए कहा कि पहले अपीलों को सुना जाना चाहिए। इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि पहले अपीलों पर सुनवाई होगी और फिर अंतरिम अर्ज़ियों पर विचार।
अब मामले में सबसे पहले भगवान रामलला विराजमान की ओर से अपनी अपील पर बहस की जाएगी।