नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निपटने के अपने निर्देशों का अनुपालन करने के लिए दो सप्ताह दिए हैं विशेष रूप से वे जो गाय संरक्षक होने का दावा करते हैं और कानून अपने हाथों में लेते हैं।
शीर्ष न्यायालय ने कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निबटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजस्थान सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव से कहा कि वह लिंचिंग के मामले में की गई कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा देते हुए हलफनामा दायर करें।
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के अलवर जिले में 20 जुलाई को हुई पीट-पीटकर हत्या के मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से मामले में की गई कार्रवाई पर जवाब दाखिल करने को कहा है।
अलवर जिले के रामगढ़ इलाके में 20 जुलाई को कथित गोरक्षकों ने रकबर खान (28) की पिटाई कर दी थी। घटना के वक्त अकबर दो गायों को लाढ़पुरा गांव से हरियाणा स्थित अपने घर ला रहा था।
एनडीटीवी के मुताबिक, याचिकाकर्ता की ओर से इंदिरा जयसिंह ने कहा कि राजस्थान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को बुलाकर कोर्ट पूछे कि एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई? इंदिरा जयसिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन दिन बाद राजस्थान में लिंचिंग कई घटना हुई।
शीर्ष अदालत ने सोमवार को सभी अन्य राज्य सरकारों से कहा है कि वे उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए सात सितंबर तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करें।अदालत अब इस मामले पर सुनवाई 30 अगस्त को करेगी।